पटना-बेगुसराय के बीच राजेंद्र पुल पर फिर से चल सकेंगे बड़े वाहन, मरम्मत के लिए 69 करोड़ रूपए की निविदा

बिहार की आद्योगिक राजधानी बेगुसराय में स्थित पुल राजेंद्र सेतु के दिन अब बहुरने वाले है। यह पुल उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने का काम करता है। केंद्र सरकार पुराने रेल सह सड़क पुल को चालू रखने के लिए प्रयासरत है।सरकार की तरफ से पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर मे पुल की मरम्मत के लिए टेंडर जारी किया गया है। गौरतलब है कि फिलहाल बेगुसराय में स्थित सिमरिया पुल पर से बड़े वाहनो की आवाजाही पर पूर्ण रूप से पाबन्दी लगा दी गई है। इस पुल के समानान्तर 6 लेन पुल के निर्माण कार्य में भी तेजी लाई गई है।

अब शीघ्र से उत्तर बिहार के विभिन्न जिले के निवासी पटना,नालन्दा, लखीसराय,नवादा, बिना किसी भारी भरकम जाम के अपनी यात्रा आराम से पूरी कर सकेंगे। पुल के मरम्मत मे लगभग 69 करोड़ रूपए का खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। मई महीने में ही केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा पहल किए जाने के पश्चात केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पुल के लिए अपने स्वीकृति दे दी थी। अब रेलवे ने भी इस कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिया है।

अजादी के बाद गंगा नदी पर बना पहला पुल

गौर तलब है राजेंद्र सेतु पुल भारत की अजादी के बाद गंगा नदी पर बना पहला पुल है। लेकिन इसकी हालत बहुत ही जर्जर हो गई थी। इस कारण यहाँ से बड़े वाहनो के गुजरने पर रोक लगाईं गई है। साल 2019 से ही यह रोक जारी है। बड़े वाहनो के आवागमन पर रोक लगाए जाने के कारण आवश्यक वस्तु के यातायात में काफी दिक्कतें आ रही थी। पुल के दोनों तरफ लगभग 6 फूट उँची गेज लगाईं गई है ताकि बड़े वाहन इधर से ना गुजर सके। लेकिन पुल के सड़क मार्ग का डेक स्लैब दो जगहों पर असफल हो गया है। बेगुसराय समेत पटना और लखीसराय के लोगों द्वारा लगातार इस पुल को चालू किए जाने की मांग की जा रही थी। यह मामला केंद्र सरकार तक पँहुचा और अब इसके मरम्मतीकरण की प्रक्रिया चालू हो गई है।

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