इस वजह से चाचा पशुपति कुमार पारस ने चिराग का किया तख्ता पलट!

रातों-रात लोक जनशक्ति पार्टी में तख्ता पलट कर  चिराग पासवान (Chirag Paswan) के चाचा और सांसद पशुपति कुमार पारस राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं। जनशक्ति पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष  और संसदीय दल का नेता बनने के साथ हीं पसुपतिनाथ पारस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि, ” नीतीश कुमार ने बिहार के विकास के लिए काफी काम किया है और वह आगे भी करते रहेंगे। ”  पसुपतिनाथ पारस ने नीतीश को एक अच्छा प्रशासक बताया है।

गौरतलब है कि एलजेपी के 6 में से 5 सांसदों ने चिराग पासवान से बगावत कर पसुपतिनाथ पारस को अपना नेता चुना है। इस सम्बंध में पसुपतिनाथ पारस ने बताया कि , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को मुलाकात कर एक चिट्ठी सौंप दी गई है तथा अध्यक्ष महोदय से हमें एक अलग गुट के रूप में मान्यता देने की माँग की गई है।

आखिर क्यों कि बगावत ??

पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने  NDA गठबंधन से नाता तोड़ कर अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था , जो कि पूरी तरह से विफल रहा था और पार्टी 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद महज 1 सीट हीं जीत पाई थी और वह भी बाद में चलकर जदयू में शामिल हो गए थे। चर्चा थी कि चिराग पासवान के इस फैसले से पार्टी के कई नेता उनसे नाराज चल रहे थे। आखिरकार बात काफी आगे बढ़ जाने के कारण पार्टी नेताओं ने चिराग पासवान से बगावत कर दी और पसुपतिनाथ पारस को अपना नेता चुन लिया।

पसुपतिनाथ पारस ने कहा है कि सूबे की राजनीति में पार्टी की कोई अहमियत नहीं रह गयी थी। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी का क्या हाल हुआ, ये बात सब जानते हैं। पार्टी का कोई भविष्य नजर नहीं आ रहा था। पार्टी में विद्रोह के कारण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष चिराग पासवान के द्वारा विधानसभा चुनाव में अलग लड़ने के फैसले से पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं में आक्रोश था।पारस ने पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन पर कहा कि रामविलास पासवान की आत्मा को शांति के लिए मजबूरी में फैसला लेना पड़ा।  उन्होंने कहा कि बड़े साहब के सपनों को पूरा करने के लिए पार्टी जिंदा रहेगी।

आगे उन्होंने कहा कि 2014 से एलजेपी एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी और आगे भी रहेगी। लोजपा में हुई इस टूट के बाद चिराग को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय दल का नेता, दोनों की कुर्सी से भी हटा दिया गया है।

Manish Kumar

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