Basant Panchami Pooja Vidhi: बसंत पंचमी की पूजा विधि क्या है? जानें मां सरस्वती की पूजा का शुभ मुहूर्त, भोग और महत्व सबकुछ

Basant Panchami Puja Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का पर्व एक अलग ही महत्व है। पंचांग के मुताबिक हर साल बसंत पंचमी को माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जाती है। इस साल बसंत पंचमी का त्यौहार 26 जनवरी के दिन मनाया जाएगा। ऐसे में आइए हम आपको बसंत पंचमी के दिन की खासियत के साथ-साथ यह भी बताएं कि बसंत पंचमी की पूजा विधि क्या है। क्या है वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त और कैसे बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए?

हिंदू मान्यता के मुताबिक इस दिन सृष्टि में मां सरस्वती की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए विशेषकर बसंत पंचमी का त्यौहार कला, संगीत, स्वर और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन को विशेष तौर पर छात्र कला-संगीत आदि क्षेत्र से जुड़े लोग खासतौर पर मनाते हैं। इस दिन ज्ञान की देवी के लिए पीले रंग का भोग तैयार किया जाता है। इसके साथ ही पूजा-अर्चना करने वाले सभी लोग पीले रंग के वस्त्र धारण करते हैं। हिंदू मान्यता के मुताबिक बसंत पंचमी के दिन पूजा आराधना करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती है और ज्ञान उन्नति का आशीर्वाद देती है।

बसंत पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त (Basant Panchami 2023 Shubh Muhurat)

  • पंचमी आरंभ: 25 जनवरी 2023, दोपहर 12:34 से।
  • पंचमी समाप्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 10:28 तक।
  • उदयातिथि के मुताबिक बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मान्य होगी।
  • पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 07:12 से दोपहर 12:34 तक।

बसंत पंचमी के दिन बनने वाले स्पेशल भोग (Basant Panchami Special Bhog)

ज्ञान की देवी मां सरस्वती को बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के फल-फूल और मीठे व्यंजन का भोग लगाया जाता है। मां सरस्वती आपकी पूजा से प्रसन्न हो आप को ज्ञान के भंडार भरने का आशीर्वाद देती है। अगर आप भी मां सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण कर मां को पीले रंग के पेडे का या पीले फलों का भोग लगाएं।

Basant Panchami Ki Puja Vidhi

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बसंत पंचमी की पूजा विधि क्या है? (Basant Panchami Ki Puja Vidhi)

बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण कर सबसे पहले मां सरस्वती की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करनी चाहिए। इस दौरान भगवान गणेश और मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। इसके बाद रोली, चंदन, हल्दी, केसर, पीले या सफेद रंग के फूल, पीली मिठाई, पीले अक्षत के साथ-साथ पूजा के स्थान पर संगीत वाद्य यंत्र रखना और किताबे अर्पित करना शुभ माना जाता है। सरस्वती चालीसा का पाठ कर मां सरस्वती की वंदना करना भी इस दिन शुभ होता है। इसके साथ ही मां सरस्वती की आरती कर पीली चीजों का भी दान करना चाहिए।

बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की सामग्री क्या है (Basant Panchami Puja Samgari)

अगर आप भी बसंत पंचमी की पूजा की तैयारी कर रहे हैं, तो मां सरस्वती की पूजा के लिए तैयार होने के साथ ही पूजा की सामग्री भी जरूर लिख लें। इसके लिए चौकी, चौकी पर बिछाने के लिए पीला कपड़ा, कुश का आसन, आम के पत्ते, देवी सरस्वती और गणेश भगवान की मूर्ति, पीले फूल, रोली, हल्दी, मौली, पीले अक्षत, कपूर, अष्टगंध, पीला चंदन, सफेद चंदन, पुष्प, पुस्तक, दावत, सिंदूर, वाघ यंत्र और बेसन के लड्डू के साथ मां की पूजा करनी चाहिए।

मां सरस्वती की पूजा का मंत्र (Basant Panchami 2023 Mantra)

या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता। या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।
या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता। सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।

  • नौकरी-प्रमोशन के लिए: ॐ वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।
  • परीक्षा में सफलता के लिए: ॐ एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक:। सर्व सिद्धि करो देव गौरी विनायक:।।
  • बुद्धि प्राप्ति के लिए: ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:
  • ज्ञान प्राप्ति के लिए: ॐ ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्।।
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