पिता पैथोलॉजी स्टाप, बेटी BPSC में 201वां रैंक लाकर बनी असिस्टेंट रजिस्ट्रार

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 64वीं सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट रविवार को जारी कर दिया गया है। इस बार पुरुष के साथ-साथ महिला अभ्यर्थियों ने भी सफलता के झंडे गाड़े हैं। ऐसी ही एक महिला अभ्यर्थी हैं श्रुति चंद्र। श्रुति के पिता सुभाष पटना के पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट में लैब इन्स्ट्रक्टर के पद नौकरी करतें हैं पर उनकी बेटी श्रुति का चयन बीपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में हुआ है। श्रुति को इस परीक्षा में 201वां रैंक मिला है। श्रुति का चयन असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर हुआ है।

श्रुति एक साधारण परिवार से आने वाली अभ्यर्थी भी हैं। उनकी सफलता के बाद परिवार में खुशु का माहौल है। श्रुति अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जिनका चयन किसी अधिकारी पद के लिए हुआ है। अपनी सफलता पर श्रुति कहती हैं कि सफलता मिलने के बाद काफी अच्छा लग रहा है। घर में सभी लोग खुश हैं। तीसरी बार के प्रयास में बीपीएससी में सफलता मिली है। श्रुति यूपीएससी सिविल सर्विस की ही मुख्य रूप से तैयारी कर रही थीं। वर्ष 2018 में यूपीएससी मुख्य परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद श्रुति साक्षात्कार तक पहुंचीं थीं, लेकिन अंतिम सेलेक्शन नहीं हुआ था। इसके बाद भी उन्होंने प्रयास जारी रखा। श्रुति कहती हैं कि वह अपना रैंक बेहतर करने के लिए बीपीएससी की परीक्षा भी देती रहेंगी।

नाना नानी को दिया सफलता का श्रेय

श्रुति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने नाना स्व. रामप्रीत सिंह और नानी फूलबदन देवी को दिया है। उन्होंने बताया की जब वो 6वीं कक्षा में थी तो उनकी माँ की नौकरी लग गयी थी। ऐसे में पापा के साथ नाना-नानी का काफी सहयोग मिला। श्रुति कहती हैं उनके नाना नानी ने उन्हें पढ़ने में बहुत सपोर्ट किया है। वैसे मम्मी-पापा भी काफी सहयोग करते रहे। अभी भी पढ़ाई के लिए काफी प्रोत्साहित करते हैं। आपको बता दें श्रुति की मां रीता कुमारी झारखंड के मधुपुर में प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका हैं।

श्रुति ने अशोक राजपथ स्थित संत जोसेफ कांवेंट स्कूल से 10वीं की। उन्होनें अपनी 12वीं की पढ़ाई डीपीएस बोकारो से की और फिर बीआईटी मेसरा से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक किया। छह महीने गुड़गांव में नौकरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी में लग गईं । उन्होंने बताया कि सिविल सर्विस में जाने का उनका खुद का निर्णय था, इसलिए बीटेक अंतिम वर्ष से ही उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। श्रुति का घर पटना के महेंद्रू इलाके में है। श्रुति का एक भाई है जो बेंगलुरु से डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग कर रहा है और वो उनसे छोटा है।

Manish Kumar

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