AQI ने जारी किया सर्वाधिक प्रदूषित शहरों का रिपोर्ट, देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 बिहार से

Bihar में हाल के वर्षोंं में प्रदुषण का स्तर ( Pollution Level) काफी बढ़ गया है। कई ऐसे शहर हैं जिनकी गिनती प्रदूषित शहरों की सूची में top पर की जाती है। इसके लिए जो कारण सबसे ज्यादा जिम्मेदार है, वह है धूल कण की मात्रा में बढ़ोतरी। धूल कण की मात्रा में इजाफा का सीधा सम्बन्ध प्रदूषण से है।

आपको बता दें कि बिहार का बिहारशरीफ (BiharSharif) पानीपत के साथ ही देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर हो गया है। सोमवार के दिन इन दोनों शहरों का एक्यूआई (AQI) लेबल 414 दर्ज किया गया। दरअसल इन दोनों शहरों में महींन और मोटे दोनों तरह के धूल कण की मात्रा 5 से अधिक दर्ज की गई।

वायु प्रदूषण के विशेषज्ञ बताते हैं कि बिहारशरीफ ज़िला में प्रदुषण का स्तर इतना अधिक होने का कारण धूल कण के साथ धुआं की भी अधिक मात्रा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित किए गए मानक से यदि एक यूआई 400 से अधिक चला जाता है तो उस स्थिति में वहां की हवा बहुत गंभीर हो जाती है। और यह लेवल रेड जोन के अन्तर्गत आता है। यह हवा इतनी प्रदूषित होती है कि इस तरह की हवा में सांस लेना किसी भी व्यक्ति के स्वास्थय के लिए बेहद नुकसानदेह होता है।

देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 बिहार से

बिहार के अलग-अलग शहरों मे AQI के स्तर की बात की जाए तो बिहारशरीफ में यह 414 है , जबकि पटना में यह 301 है। AQI का यह स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही खतरनाक माना जाता है। मुजफ्फरपुर में एक्यूआई लेवल 369 जबकि बक्सर में यह 359 है जो बेहद नुकसानदेह है। छपरा में एक्यूआई का लेवल 353 है, जबकि सहरसा में एक्यूआई 352, कटिहार में 345, किशनगंज में 335, पूर्णिया में 335, भागलपुर में 332, सासराम में 319, मोतिहारी में 291 , हाजीपुर में 273 है। इस तरह इन सब जिलों में प्रदुषण का स्तर बढ़ा हुआ है, जो बढे हुए करोना का संक्रमण के समय में एक गंभीर चुनौती बनकर सामने आ सकती है क्योंकि वायु प्रदूषण का फेफड़े पर बुरा असर होता है। इसके लिए फिलहाल मास्क पहनना एक अहम् उपाय है।

Manish Kumar