बिहार में कोई भी बेनामी जमीन या जिस जमीन का फर्जी केवाला हो, उसे सरकार अपने कब्जे में लेगी

बिहार में आए दिन जमीन विवाद और फर्जीवाड़े के मामले सामने आते रहते हैं। जमीन विवाद कई बार इतना बढ़ जाता है कि खूनी संघर्ष तक की नौबत आ जाती है। राज्य में ज़मीन विवाद को कम करने के लिए सभी रिकॉर्ड को ऑनलाइन किए जाने के लिए सरकार लगातार प्रचार प्रसार कर रही है।

दाखिल खारिज संशोधन विधेयक पारित

इसके अलावा सरकार अपनी बेनामी जमीन को अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रही है। बिहार विधानपरिषद में बिहार दाखिल खारिज संशोधन विधेयक पारित किया जा चुका है। इस विधेयक के जरिए जमीन में होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने में काफी सहायता होगी। नए विधेयक के अनुसार बिहार में कोई भी बेनामी जमीन या जिस जमीन का फर्जी केवाला हो, उसे सरकार अपने कब्जे में लेगी। इस सम्बन्ध मे कोई भी छूट नहीं दी जाएगी।

विधानपरिषद में दाखिल खारिज संशोधन विधेयक 2021बहुमत से पारित होने के बाद भूमि सुधार और राजस्व मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि सरकार द्वारा सालों से पारिवारिक बंटवारे के लंबित भूमि दस्तावेजों को अपडेट करने के लिए प्रचार प्रसार किया जाएगा। प्रचार करके आमलोगों को जानकारी दी जाएगी कि भूमि का अपडेट डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना आवश्यक है, जिसे भूमि विवादों को समाप्त किया जा सके।

बीजेपी MLC ने विपक्ष पर उठाया सवाल

विधानपरिषद में बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव द्वारा सवाल किया गया था कि ऐसी भूमि का क्या होगा जो अपने दूसरे नामों से या फिर संक्षिप्त नामों से खरीदी गई है। दरसअल बीजेपी और जदयू के नेताओं द्वारा तेजस्वी के तरुण नाम की चर्चा कई बार की जा चुकी है, और इस सम्बन्ध मे सवाल भी खड़े किए जा चुके हैं। सदन में नवल किशोर यादव ने इशारों ही इशारो में कहा गया कि दूसरे नाम से जमीन लिखाने वाले की जमीन का सरकार क्या करेगी।

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राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही लागू हो जाएगा कानून

विधान परिषद में पास हुआ दाखिल खारिज संशोधन विधेयक 2021 को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह कानून प्रदेश भर मे लागू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि विपक्ष के नेता रामचंद्र पूर्वे और कांग्रेस नेता समीर सिंह द्वारा इस विधेयक का समर्थन किया गया और कहा गया यह विधेयक समय
की जरूरत है।

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