दरभंगा एयरपोर्ट पर मैथिली भाषा में हुई उद्घोषणा, अपनी भाषा सुनकर यात्री हैं खुशी से गदगद

अब यात्रियों को रेलवे स्टेशन के तरह हवाई अड्डा पर भी मैथिली भाषा में सुनने को मिलेगा। इसकी शुरुआत दरभंगा एयरपोर्ट से हुई है। देश का पहला एयरपोर्ट दरभंगा एयरपोर्ट (Darbhanga airport) बन गया है, जहां मैथिली भाषा में उद्घोषणा (Announcement in Maithili language) की जाती है। दरभंगा हवाई अड्डे पर पैसेंजर्स के आने जाने के लिए जो जानकारी इंग्लिश और हिंदी में दी जाती थी, अब मैथिली भाषा में भी एयरपोर्ट अथॉरिटी (Announcement in Maithili language at Darbhanga airport) के द्वारा दी जाने लगी है।

Announcement in Maithili language at Darbhanga airport

अब अपनी मैथली में सुने एयरपोर्ट पर अनाउंसमेंट

बता दें कि सोमवार के दिन विमान के मूवमेंट और अन्य गतिविधियों की जानकारी मैथिली भाषा में की जाने लगी है। लोगों ने इस पहल का जोरदार तरीके से स्वागत किया। स्थानीय स्तर पर लंबे वक्त से लोकल लैंग्वेज को तवज्जो देने की मांग लोगों के द्वारा की जा रही थी। केंद्र सरकार के नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को शुभकामनाएं देते हुए दरभंगा के स्थानीय सांसद गोपाल जी ठाकुर ने नरेंद्र मोदी सरकार को इसके लिए शुक्रिया अदा किया है।

Announcement in Maithili language at Darbhanga airport

दरभंगा एयरपोर्ट पर सोमवार को पहुंचे यात्री मैथिली भाषा में उद्घोषणा सुनकर बेहद खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। दरभंगा हवाई अड्डे पर मैथिली भाषा में घोषणा शुरू होने के बाद लोगों का प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रहा। लोगों ने कहा कि बिहार की एकमात्र संविधानिक भाषा मैथिली है। ऐसे में इस भाषा में पटना एयरपोर्ट पर उद्घोषणा होनी चाहिए, क्योंकि बड़ी तादाद में वहां से मैथिली भाषा आवागमन करते हैं।

Announcement in Maithili language at Darbhanga airport

इलेक्शन कमिशन के ब्रांड एंबेसडर मणिकांत झा सहित कई लोगों ने इस सूचना को सोशल मीडिया पर साझा किया है। कुछ लोगों के द्वारा दरभंगा हवाई अड्डा पर सुविधाएं बढ़ाने को कहा गया है। लोग कहते हैं कि उड़ान योजना के तहत देश में दरभंगा एयरपोर्ट नंबर वन रहा इसके बावजूद भी सुविधाओं की कमी है। यात्रियों को पैसे देने के बावजूद भी बेहतर ढंग से सेवा उपलब्ध नहीं की जा रही है। तमाम दावों के बावजूद भी सड़क से डायरेक्ट संपर्क एयरपोर्ट का नहीं हुआ है, जिस वजह से चिलचिलाती धूप में यात्रियों को पैदल टर्मिनल तक पहुंचना पड़ता है।