What is Remission Policy? बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर सियासत गर्माती जा रही है। जहां एक ओर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है, तो लोग भी यह जानने को बेताब है कि आखिर कैसे डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामले में जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन कि अचानक रिहाई कैसे हो गई? बिहार सरकार ने किस कानून के तहत यह फैसला किया? क्या होती है रेमिशन पॉलिसी? अगर आपके मन में भी यह सवाल है तो आइए हम आपको इनका जवाब बताते हैं…
क्या होती है रेमिशन पॉलिसी?
आनंद मोहन सहित 27 कैदियों को बिहार सरकार ने हाल ही में जेल से रिहाई दी है। इन सभी दोषियों को रेमेिशन पॉलिसी के तहत माफ किया गया है। यह पॉलिसी अपराधी की सजा को लेकर बनाई गई है। इस पॉलिसी के तहत अपराधियों को उनकी सजा में छूट प्रदान की जाती है। इसके तहत किसी की भी सजा को राज्य सरकार कम कर सकती है, लेकिन इस दौरान इसे लेकर काफी विचार-विमर्श किया जाता ।है खासतौर पर कैदियों के व्यवहार का आकलन भी किया जाता है।
ये भी पढ़ें- बिहार की राजनीति पर इन 8 बाहुबलियों का राज, आनंद मोहन से लेकर मुन्ना शुक्ला तक है शामिल
ऐसे में यह जरूर जान ले कि जेल से जुड़े नियम और कानून राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के अंतर्गत आते हैं। हर जेल का एक अपना जेल मैनुअल होता है, जिसके तहत कोर्ट द्वारा किसी भी दोषी को दी गई सजा माफ की जा सकती है। इसी का फायदा आनंद मोहन और उन 27 कैदियों को हुआ है।
किस कानून के तहत आनंद मोहन को मिली रिहाई?
आनंद मोहन को रेमेिशन पॉलिसी के तहत ही रिहाई मिली है। रेमेिशन पॉलिसी के तहत हर राज्य सरकार का अपना एक अलग कानून होता है। दुष्कर्म से लेकर अन्य दूसरे जघन्य अपराध करने वाले अपराधी को भी कई राज्यों में सजा में छूट नहीं दी जाती। बिहार में सरकारी भी ड्यूटी पर तैनात कर्मी की हत्या के दोषी को सजा में कोई छूट नहीं दी जाती है… हालांकि नीतीश सरकार ने इसी कानूनी पेज को अपनी इस पॉलिसी से हटा दिया और इसी का हवाला देते हुए आनंद मोहन सहित कुल 27 दोषियों की रिहाई का रास्ता साफ किया है।
गौरतलब है कि नीतीश सरकार की ओर से 10 अप्रैल को बिहार कार हस्तक 2012 के नियम 481 (1) (क) को ही हटा दिया गया। बता दे इस नियम के तहत सरकारी कर्मी की हत्या करने वाले किसी भी अपराधी की उम्र कैद की सजा को 20 साल से पहले माफ नहीं किया जा सकता है। हालांकि बिहार सरकार ने जब इस नियम को हटा दिया, तो यह पूरी तरह से बदल गया और इसी के साथ आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हुआ।
केंद्र के पास है ये अधिकार
इस कानून को जानने के साथ ही यह भी जान लीजिए कि इससे जुड़े जानकारों का कहना है कि इन दोषियों की रिहाई और सजा में कमी को लेकर केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा सकती। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य ही अपने प्रदेश के अंतर्गत जेल मैनुअल तैयार करती है। जानकारों का कहना है कि केंद्र सिर्फ रिहाई पर रोक की सलाह दे सकती है।
ये भी पढ़ें- कुली से IAS बने थे जी कृष्णैया, आनंद मोहन ने हत्या कर बिखेर दिया था पूरा परिवार
जहां एक ओर आनंद मोहन की रिहाई पर सियासत गरमाई हुई है, तो वहीं इसके खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी डाली गई है। इस याचिका में कहा गया है कि बिहार सरकार द्वारा कानून में संशोधन करना गैरकानूनी है और इससे लोक सेवकों की जान को खतरा हो सकता है।
- Panchayat Sachiv Kaise Bane: बनना चाहते हैं पंचायत सचिव, तो जाने कैसे मिलती है यह नौकरी और क्या होती है सैलरी? - May 20, 2024
- हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक का लुक लुट लेगा दिल, जाने कब होगी भारत में लॉन्च? खत्म कर देगा सब का बाजार ! - February 11, 2024
- Akshara Singh के इस हरकत पर आग- बबूला हुए उनके पिता, देखते ही कर दी सरेआम पिटाई; देखें Video - February 11, 2024