अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मृत्यु हो गई। जिसके बाद उनके शिष्य योग गुरु आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया है। आनंद गिरि पर उनके गुरु को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। दरअसल महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड लिखा है, जिसमें आनंद गिरि पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आनंद गिरि का कहना है कि उनके गुरु ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि यह साजिश है और उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच किए जाने मांग की है।
बता दे कि आनंद गिरि विख्यात योग गुरु हैं, और मठ बाघम्बरी गद्दी और लोगों के बीच ‘छोटे महाराज’ के नाम से मशहूर हैं। उनका रहन-सहन रसूखदार और आलीशान रहा है। देश-विदेश की सैर, महंगी गाड़ियों में घूमना, महंगे मोबाइल रखना, कीमती कपड़े पहनने के वे बहुत शौक़ीन माने जाते हैं। दरअसल ये सब करके आनंद गिरी अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि के दूसरे शिष्यों से अपनी अलग अहमियत दिखाते रहे हैं। यही वजह है कि सभी वर्ग के लोगों मे उनका खास प्रभाव रहा है। सभी उन्हें महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी की नज़र से देखता था, क्योंकि मठ और बड़े हनुमान मंदिर के समस्त कार्यक्रमों में आनंद गिरि की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती थी।
आनंद गिरि चमचमाती हांडा सिटी गाड़ी से यात्रा करते थे। वे महंगी बुलेट बाइक के भी काफी शौक़ीन थे। माघ मेला में वे बुलेट की सवारी किया करते थे तो वहीं उनके दोनों हाथों में एप्पल कंपनी के दो-दो मोबाइल होते थे। इतना ही नहीं वे कुछ महीनो मे ही नया मोबाइल ले।लेते थे। वैसे उनका पहनावा भगवा ही होता था लेकिन, उसकी कीमत हजारों रुपये मीटर वाली होती है। इन सब के माध्यम से आनंद गिरि धनाढ्य लोगों में अपनी अलग पहचान रखते थे। हर कोई उन्हें अधिक महत्व देता था।
आनंद गिरि कितने रसूख थे, उसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि नेता और अधिकारी तक उनके आगे शणागत रहा करते थे। बड़े हनुमान मंदिर में राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राजनायिक सहित जो भी बड़े अधिकारी आते थे, उनके साथ आनंद गिरि की फोटो जरूर होती थी। नरेंद्र गिरि के साथ रहते हुए भी खास और महत्वपूर्ण लोगों से आनंद गिरि ही बात किया करते थे और पूजन कार्य संपन्न कराते थे। इसका स्थानीय अधिकारियों पर गहरा असर होता था।
पुलिस के एक बड़े अधिकारी की गिनती आनंद गिरि के अन्नय शिष्यों में होने लगी थी। कहा जाता है कि जब मंगलवार व शनिवार को पत्नी के साथ वे हनुमान जी का दर्शन करने जाते थे तो वो आनंद गिरि का चरण स्पर्श जरूर किया करते थे। इतना ही नहीं उनके हर आदेश को हाथ जोड़कर बड़े ध्यान से सुनते थे। यह देखकर पुलिस के दूसरे अधिकारी भी आनंद गिरि के आगे शरणागत रहने लगे थे।
आनंद गिरि में हमेशा से खुद को गुरु नरेंद्र गिरि की तरह दिखाने की ललक रही है। इसलिए वे भी अपने गुरु की नकल में पुलिस की सुरक्षा घेरे में रहा करते थे। आनंद गिरि की सुरक्षा में हर वक्त पुलिस के दो जवान रहा करते थे, तो वहीं माघ मेला के दौरान यह सुरक्षा और बढ़ा दी जाती थी, और तब उनकी सुरक्षा में चार से छह जवान हुआ करते थे। आनंद गिरि जब एक बार आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में थे तो उन पर महिलाओं से मारपीट और छेड़छाड़ करने के आरोप भी लगे थे और वहाँ के पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन बाद मे कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। इसी मामले में आनंद गिरि ने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि पर उन्हें छुड़ाने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी का आरोप लगाया था।
मई 2021 को महंत नरेंद्र गिरि की शिकायत पर आनंद गिरि को परिवार से संपर्क रखने और गुरु के खिलाफ साजिश करने के आरोप में श्रीनिरंजनी अखाड़ा से उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद आनंद गिरि को उनके गुरु ने श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी व बड़े हनुमान जी मंदिर की व्यवस्था से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद आनंद गिरि ने गुरु पर जमीन बेचने व कुछ विद्यार्थियों का करोड़ों का मकान बनवाने का आरोप लगाया था। गुरु-शिष्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर कई दिनों तक चलता रहा था। नरेंद्र गिरि के एक शिष्य के लखनऊ स्थित निवास पर 26 मई को गुरु-शिष्य की मुलाकात हुई, तब आनंद गिरि ने गुरु नरेंद्र गिरि से बिना शर्त माफी मांगी थी।
- माधुरी दीक्षित के बेटे अरिन है बेहद हैंडसम, स्मार्टनेस में देते हैं बॉलीवुड एक्टर्स को कड़ी टक्कर - July 7, 2023
- ‘गोली चल जावेगी’ गाने पर सुनीता बेबी ने हिलाया ऐसे बदन, लोगों ने बरसाए लाखों के नोट - June 12, 2023
- सलमान खान के साथ फ़िल्म Tubelight में नजर आया ये छोटा बच्चा अब हो गया है बड़ा, तस्वीरें देख फैन्स बोले-मासूमियत ने दिल जीत लिया - May 26, 2023