बिहार में ऑनलाइन ही मिलेगा जमीन से जुड़े सारे दस्तावेज, ऑफलाइन नहीं मिलेगा कोई कागजात

अब बिहार में संबंधित दस्तावेजों का वितरण ऑफलाइन बंद कर दिया गया है। म्यूटेशन का नकल हो या एलपीसी हर प्रकार के दस्तावेज का आवेदन ऑनलाइन करना होगा। इसके अतिरिक्त डिजिटल हस्ताक्षर से ही ऑनलाइन दस्तावेज निकलेगा। इसके लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग के द्वारा अफसरों की सूची जारी कर दी गई है, लिस्ट में जिन अफसरों का नाम शामिल है उसके अलावा कोई भी अधिकारी का सिग्नेचर कागज पर मान्य नहीं होगा।

राजस्व भूमि सुधार विभाग के द्वारा सात प्रकार के दस्तावेजों को ऑनलाइन करने की व्यवस्था की गई है। सभी दस्तावेज जारी करने के लिए विभाग ने अलग-अलग अफसरों की लिस्ट बनाई है। चकबंदी खतियान की नकल, कैडेस्ट्रल व रिवीजनल सर्वे के लिए जिला अभिलेखागार के प्रभारी पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जमाबंदी जारी करने की जिम्मेदारी सीओ को होगी। जबकि भूमि पंजी जारी और दाखिल खारिज करने का काम सीओ का ही होगा।

म्युनिसिपल सर्वे रिकॉर्ड, काजिमा जीवा, जिला अभिलेखागार के प्रभारी पदाधिकारी को करना है। विभाग का कहना है कि इन्हीं अफसरों के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी दस्तावेज ही मान्य होंगे। इसके पहले विभाग के द्वारा सभी जिलों के सदर अंचल कार्यालय में प्लॉटर मशीन लगाकर उनकी सीमा में विस्तार कर दिया है। वहां से जमीन का नक्शा निकाला जा सकेगा। पहले लोगों को अपने जिले का नक्शा निकालने के लिए जिले के प्लॉटर से ही मिलना पड़ता था लेकिन अब उसमें विभाग के द्वारा सॉफ्टवेयर डालकर विस्तार कर दिया गया है।

इस कार्यालय से प्राप्त केआर सकते हैं दस्तावेज़ 

बिहार में नक्शा निकालें की एक प्रक्रिया थी। बिहार के सभी मौतों का नक्शा केवल पटना के गुलजार बाग स्थित बिहार सर्वेक्षण दफ्तर कार्यालय से ही लोग प्राप्त कर सकते थे। इसी तरह दूसरे दस्तावेज के लिए लोगों को ब्लॉक दफ्तर का चक्कर लगाना पड़ता था। सीओ के पास अत्यधिक काम रहता था जिसके वजह से 15 दिनों का समय कागजात पर हस्ताक्षर होने में लगता था।