भले ही बिहार में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका हो पर बिहार में राजनीति तो अब भी जारी है. हर पार्टियां दूसरे पार्टी की टूट की दावा कर रही है, लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है. बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव ने रविवार को बड़ा बयान दिया है उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल को खरमास के बाद अपनी पार्टी बचा लेने की चुनौती दे डाली. उन्होंने दावा किया कि खरमास के बाद राष्ट्रीय जनता दल में बड़ी टूट होने वाली है. आपको बता दें हर पार्टियां कह रही है कि खरमास के बाद दूसरे पार्टी में टूट होने वाली है. बिहार में 14 जनवरी के पहले कोई काम की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता इसलिए खरमास महीने के बाद ही कोई काम शुरू करते हैं.
राजद विधायक परिवारवाद से बाहर आने को परेशान
बीजेपी के बिहार प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव ने पटना जिला कार्यसमिति की बैठक के 7वें और अंतिम सत्र के दौरान याद दावा किया कि राजद में परिवारवाद के खिलाफ नेताओं की काफी नाराजगी है, और इस हालत से पार्टी को बचाने के लिए नेता प्रतिपक्ष को अपनी पार्टी बचाने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजद के नेता आजकल बड़े ही नासमझी वाली बातें कर रहा कर रहे हैं. मैं स्पष्ट तौर पर बता रहा हूं कि राजद में बड़ी संख्या में ऐसे नेता है जो महसूस कर रहे हैं कि परिवारवाद से मुक्ति मिलनी चाहिए. अभी खरमास चल रहा है इसलिए चुप हूं. मकर संक्रांति के खत्म होने तक इंतजार कीजिए उसके बाद तेजस्वी अपनी पार्टी बचा ले यही बहुत होगा बिहार में बाकी चीजें हम ठीक कर लेंगे.
उपेंद्र और चिराग ने खुद अलग रास्ता चुना
उन्होंने राजद पर आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता तरह-तरह के अफवाह फैला रहे हैं. वर्ग संघर्ष के लिए बिहार में वामपंथ को खड़ा कर दिया है उसे यह समझ लेना चाहिए कि बिहार विकास और राष्ट्रवाद के पथ पर ही चलेगा. पटना में भाजपा मजबूत स्थिति में है. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा ने अपना अलग रास्ता चुना है. सभा को संबोधित करते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा भाजपा कार्यकर्ताओं को तरजीह देती है इसका उदाहरण तार किशोर प्रसाद और रेनू देवी को उप मुख्यमंत्री बना कर दिया है. भाजपा अपना संगठन मजबूत कर रही है. कार्यकर्ता प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के संदेश को घर-घर तक पहुंचाएं.
जदयू की बैठक के बाद शुरू हुई बयानबाजी
पटना में 9 और 10 जनवरी को जदयू के राज्य कार्यकारिणी और राज्य परिषद की बैठक हुई. इसमें हारे हुए प्रत्याशियों ने खुले तौर पर लोजपा और भाजपा को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कम सीटें भाजपा और लोजपा के धोखे के कारण मिली है. इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ-साफ कहा कि हमें यह पहले एहसास हो गया था कि चुनाव में कुछ गलत हो रहा है. उन्होंने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि आजकल पता ही नहीं चलता कि कौन दोस्त है और कौन दुश्मन!
तेजस्वी भाजपा-जदयू गठबंधन पर लगातार हमलावर
दिल्ली से पटना आए थे जैसे यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है उन्होंने कहा कि चुनाव में कम सेट ने सीटें मिलने पर भी बैक डोर से सत्ता में इंट्री की है वह बस सत्ता में बने रहना चाहते हैं वह कुर्सी के प्यारे हैं. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर है.
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