31 साल बाद 12 जनपथ आवास से विदा होगा पासवान परिवार, जाने किसे मिलेगा ये बंगला

दिल्ली के 12 जनपथ यानी रामविलास पासवान के नाम से आवंटित बंगले को अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को दे दिया गया है। यहाँ पूरे 31 साल का लम्वा वक्त बिताने के बाद पासवान परिवार यहाँ से विदाई लेगा। बता दे कि शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के अधीन संपदा निदेशालय की तरफ से चिराग को पहले ही बंगला खाली करने का नोटिस दिया जा चुका था, लेकिन तब चिराग पासवान ने अपने पिता की बरसी तक के लिए सरकार से मोहलत मांगी थी।

चिराग पासवान जमुई जिले सांसद हैं, और नार्थ एवेन्यू में उन्हें आवास आवंटित किया गया है, लेकिन वे अपने पिता के साथ उनके नाम से आवंटित बंगले में रह रहे थे। राम विलास पासवान के निधन के बाद अब उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ रहा है, जहां उन्होंने अपना बचपन गुजारा था। बता दे इस बंगले के साथ लोजपा और उसके सन्स्थापक दिवंगत रामविलास पासवान की एक मजबूत कड़ी जुड़ी हुई है।

कभी इसी बँगले मे लोजपा की कई महत्वपुर्ण बैठक और अन्य जरुरी गतिविधियां होती थी, रामविलास पासवान ने कई अलग-अलग सरकार में अपनी भूमिका निभाई, लेकिन वे इसी बँगले मे रहे। लोक जनशक्ति पार्टी का आधिकारिक पता मे भी इस बँगले का ही पता दिया गया है, जिसे अब बदला जाएगा। देखा जाए तो इस बँगले से पासवान परिवार और लोजपा पार्टी की कई यादें जुड़ी है, क्यूँकि 31 वर्ष के लंबे वक्त तक यहाँ पासवान परिवार और लोजपा पार्टी ने विभिन्न गतिविधियों को देखा है।

भाई पशुपति पारस को मिलने वाला था बंगला

बताते चलें कि 12 जनपथ में रहते हुए चिराग पासवान का पूरा बचपन बीता है, लेकिन अब 31 साल बाद पिता रामविलास पासवान के निधन होने पर उन्हें नियमानुसार यह बंगला खाली करना पड़ेगा। 14 जुलाई को ही चिराग को इस बंगले को खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया था।खबर यह भी सामने आई है कि चिराग पासवान के चाचा व वर्तमान केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को यह बंगला आवंटित किया जा रहा था, लेकिन पशुपति पारस द्वारा इस बँगले को लेने से इनकार कर दिया गया, जिसके बाद उन्हें पूर्व मे शरद यादव को दिया गया बंगला आवंटित किया गया है।

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