क्या अब पीएम मोदी चिराग पासवान को दिलाएगे उनका बंगला? चिराग की इस कदम से तेज हुई हलचल

अब जबकि लोजपा दो फांक मे बंट चुकी है तो वहीं चिराग पासवान स्थिति को अपनी तरफ करने की कोशिश मे दिन-रात लगे हुए हैं। लोजपा मे सियासी घमासान मची हुई है, चिराग पासवान अपनी ही पार्टी मे अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसी स्थिति मे चिराग पासवान ने अचानक से गुजरात की यात्रा की है। उन्होंने अहमदाबाद जाकर पीएम मोदी के बहुत ही करीबी माने जाने वाले एक नेता से मुलाकात की है, जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इस मुलाक़ात के कई राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे।

हालांकि चिराग ने अपनी इस मुलाकात और यात्रा को उनका निजी दौरा बताया। चिराग पासवान मीडिया के सवालों से सीधे- सीधे बचते नज़र आए। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर जब मीडिया ने चिराग से पूछा कि क्या वे बीजेपी नेता से मिलकर अपनी बात रखने आए हैं तो उन्होंने एक संक्षिप्त जवाब देते हुए कहा कि यह उनका निजी दौरा है।

लोजपा पार्टी मे हुई फूट पर पीएम नरेन्द्र् मोदी की खमोशी से बेहद आहत हुए चिराग ने एक बयान मे कहा था कि उम्‍मीद है कि राम अपने हनुमान का वध होता नहीं देखेंगे। उन्होंने राम का प्रयोग नरेन्द्र मोदी के लिए किया था जबकि हनुमान खुद को कहा था। बीजेपी की तरफ से कोई साथ मिलता ना देख उन्होंने बीते मंगलवार को यह भी कहा था कि बीजेपी के साथ उनके संबंध एकतरफा नहीं हो सकते हैं, यदि उन्हें घेरने की कोशिशेँ ऐसे ही जारी रही तो भविष्य की अपनी राजनीतिक संभावनाओं पर विचार करेंगे।

राजद अपने पाले मे तेजस्वी की खींच रही

इसके बाद राजद ने चिराग को अपने तरफ करने की कोशिश तेज कर दी है। हालांकि राजद की इस कोशिश के बाद बीजेपी मे भी बेचैनी शुरू हो गई है। आरजेडी ने रामविलास पासवान की जयंती मनाने की घोषणा की थी जिस पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि रामविलास पासवान जैसा व्यक्ति होना मुश्किल है। वे हमेशा आम लोगों की मदद करते रहे। उनकी जयन्ती मे राजनितिक लाभ नहीं देखा जाना चाहिए।

तेजस्वी बीजेपी से समर्थन हासिल करने मे लगे

इधर चिराग ने अपनी आखिरी उम्मीद नहीं छोड़ी है, उन्होंने बीजेपी को यह याद दिलाकर कि उनके पिता रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) और वे हमेशा पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ ‘चट्टान’ की तरह खड़े रहे हैं, बीजेपी का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे है।

Manish Kumar

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