Difference between tet and stet: बिहार में टीचर की नौकरी करने के ऑप्शन तलाश रहे हैं तो बता दें कि यहां पहले से पांचवी क्लास तक और छठी से आठवीं तक के स्टूडेंट्स को पढ़ने वाले टीचर को बिहार TET एग्जाम पास करना होता है। वही नौंवी से दसवीं क्लास और 11वीं व 12वीं क्लास के टीचर को STET एग्जाम पास करना पड़ता है। यह दोनों एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद ही आपकी नियुक्ति बिहार में बतौर शिक्षक होती है। ऐसे में लिए हम आपको इन दोनों परीक्षाओं के बीच के अंतर के बारे में डिटेल में बताते हैं।
क्या होती है बिहार TET और बिहार STET के बीच अंतर(Difference between tet and stet)?
सबसे पहले बात बिहार TET की फुल फॉर्म की करते हैं, बता दें कि इसका मतलब बिहार टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट है। वही बिहार STET की फुल फॉर्म बिहार सेकेंडरी टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट है। TET और STET दोनों परीक्षाओं को पास करना जरूरी होता है। हालांकि इन्हें पास करने के बाद आप सीधे टीचर नहीं बनते, बल्कि टीचर बनने के लिए आपको और भी लंबा सफर तय करना पड़ता है। इन दोनों परीक्षाओं को पास करने के बाद बिहार सरकार की ओर से निकल जाने वाली सरकारी स्कूलों की शिक्षक भर्ती परीक्षा को भी पास करना जरूरी होता है।
बता दे कि जिन अभ्यार्थिथियों ने यह परीक्षा पास नहीं की हो, वह शिक्षक भर्ती के लिए होने वाले टेस्ट को देने के लिए भी योग्य नहीं होते। वही इन दोनों परीक्षाओं में बेसिक अंतर यह है कि दोनों अलग-अलग पद के शिक्षक भर्ती टेस्ट के तहत आती है। बिहार में सरकारी स्कूलों में टीचर पद पर प्राइमरी, अपर प्राइमरी, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी पद की भर्तियां निकाली जाती है।
बिहार में होती है कितने परीक्षाएं पेपर?
मालूम हो कि बिहार TET में दो पेपर होते हैं। इनमें पहला पेपर पास करने वाले प्राइमरी और दूसरे पेपर को पास करने वाले अपर प्राइमरी पद के लिए परीक्षा देने के लिए योग्य माने जाते हैं। प्राइमरी पद के टीचर पहली से पांचवी क्लास तक के बच्चों को पढ़ सकते हैं। वही अपर प्राइमरी छठी से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाते हैं। मालूम हो कि हाल ही में बिहार सरकार की ओर से 1,70,416 वैकेंसी निकाली गई थी, जिस पर सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी की भर्ती जल्द की जाएगी।
वहीं दूसरी और बिहार स्टेट की परीक्षा में भी दो पेपर होते हैं। पेपर 1 सेकेंडरी टीचर बनने वालों के लिए लिया जाता है और पेपर 2 सीनियर सेकेंडरी टीचर पद पर काम करने वाले इच्छुक उम्मीदवार दूसरा टेस्ट देते हैं। बता दे सेकेंडरी टीचर नौवीं और दसवीं क्लास के बच्चों को पढ़ाते हैं, जबकि सीनियर सेकेंडरी के तहत नियुक्त किए गए टीचर 11वीं और 12वीं के बच्चों को पढ़ाते हैं। बिहार टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट और सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट हर साल बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से आयोजित किया जाता है।
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ऐसे में अगर आप भी बिहार में टीचर बनने के इच्छुक हैं, तो सबसे पहले TET और STET की तैयारी करें और इन दोनों को लेकर अगर आपको कोई भी कंफ्यूजन है, तो आप इस आर्टिकल के जरिए उसे क्लियर कर सकते हैं।
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