बदल गया इनकम टैक्स का ये जरूरी नियम, एकाएक बढ़ जायेगी लाखों कर्मचारियों की सैलरी! जाने कैसे?

Income Tax Rule Change: इनकम टैक्स विभाग ने लाखों सैलरी वाले टैक्सपेयर को लेकर बड़ी जानकारी साझा की है। इनकम टैक्स के इस फैसले से सैलरी वाले टैक्सपेयर्स कर्मचारियों की बड़ी राहत मिलेगी। बता दे कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने रेंट फ्री होम से जुड़े नियमों में भारी बदलाव किया है। इस बदलाव को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इस नोटिफिकेशन में दिए गए इनकम टैक्स के नए नियम के मुताबिक अब कर्मचारियों के टेक होम यानी इनहेंड सैलेरी में इजाफा किया जाएगा। शनिवार को जारी की गई इस नोटिफिकेशन में CBDT के कर्मचारियों को दिए जाने वाले रेंट फ्री होम को लेकर कहा गया है कि- नए बदलाव अगले महीने से लागू हो जाएंगे।

अब अधिक बचत कर पाएंगे कर्मचारी

केंद्र और राज्य सरकारों ने कर्मचारियों के अलावा जिन मामलों में उन्हें रहने के लिए अनफिनिश्ड घर की व्यवस्था कराई जाती है। उनकी ओनरशिप नियोक्ता को पास करने के मामले में नए नियम को लागू करने के बाद वैल्यूएशन में बदलाव करने का फैसला किया है। बता दे साल 2011 की गणना के मुताबिक 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वेतन का 10%, वहीं इससे पहले 2001 में 25 लाख की आबादी वाले शहरों में सैलरी का 15% हिस्सा सैलरी से काटा जाता था।

साल 2011 की गणना के मुताबिक 40 लाख से कम लेकिन 15 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में सैलरी के 7.5 फीसदी के बराबर हो। पहले यह 2001 की जनसंख्या के आधार पर 10.25 लाख की आबादी वाले शहरों में 10% था। वहीं नए वैल्यूएशन के मुताबिक अब कर्मचारियों की इन-हैंड सैलेरी में इजाफा होगा।

कैसे मिलेगा इनकम टैक्स के नए फैसले का कर्मचारियों को फायदा

अब आसान भाषा में से समझे तो बता दें कि कर्मचारियों को इस बदलाव से इनहैंड सैलेरी में फायदा मिलेगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई कर्मचारी कंपनी द्वारा प्रोवाइड कराए गए घर में रह रहा है, तो उसके लिए कैलकुलेशन अब नए फार्मूले के तहत की जाएगी, क्योंकि दर को कम कर दिया गया है। यानी की टोटल सैलरी में से अब कम कटौती होगी, जिसके चलते हर महीने कर्मचारी की इन हैंड सैलेरी में भारी इजाफा किया जाएगा।

वहीं एक्सपर्ट्स की माने तो नए नियम के लागू होने के बाद जहां एक ओर कर्मचारियों को ज्यादा बचत होगी, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के राजस्व में भी कमी आ सकती है। बता दे कि ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारियों को इस मामले में ज्यादा फायदा होगा। खासतौर पर जिन्हें अधिक महंगे आवास दिए गए हैं।

Kavita Tiwari