भारत के पहले 3D प्रिंटेड डाकघर का हुआ उद्घाटन, जाने क्या है इसकी खासियत?

3D Printed Post Office: आज देश के पहले 3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस का उद्घाटन आज हो गया है। इसकी तस्वीर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा कर इस खुशखबरी को बांटा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका उद्घाटन किया है। बता दे पीएम मोदी ने इस देश के नवाचार और प्रगति की तस्वीर बताया है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा है कि इसकी ओपनिंग देश के लिए एक बड़े गर्व का क्षण है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा की 3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस की तस्वीर

3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा कर खुशी जाहिर की है। इस दौरान उन्होंने इन तस्वीरों के साथ लिखा- बेंगलुरु में भारत का पहला 3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस देखकर हर भारतीय को गर्व होगा। यह हमारे देश के नवाचार और प्रगति को एक प्रणाम है। यह निर्भर भारत की भावना का एक प्रतीक है। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी लोगों को बधाई दी, जिन्होंने इस डाकघर को पूरा करने में पूरी मेहनत की है।

बता दे 3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है। इस दौरान उन्होंने इसका उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि- विकास की भावना, अपनी तकनीक विकसित करने की भावना, कुछ ऐसा करने की भावना जिसे पहले के समय में असंभव माना जाता था। यह इस सोच को बदलता है। यह इस समय की परिभाषा है।

वही 3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस के उद्घाटन के मौके पर डाक विभाग के एक अधिकारी द्वारा साझा जानकारी में बताया गया कि- शहर के कैंब्रिज लेआउट में 1021 वर्ग फुट क्षेत्र में निर्मित डाकघर के उद्घाटन के बाद अब जल्द ही यहां काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा इस डाक का निर्माण लॉरेंस एंड टुब्रो लिमिटेड ने किया है, जबकि IIT-Madras ने इसके लिए तकनीकी मार्गदर्शन दिया है। अब जल्द ही इस फर्स्ट 3D प्रिंटेड पोस्ट ऑफिस की सुविधा लोगों को भी मिलने लगेगी।

क्या है 3D प्रिंटर पोस्ट ऑफिस की खासियत

बता दे इस आधुनिक डाकघर का निर्माण 1021 वर्ग फुट में हुआ है। इसका निर्माण 3D कंक्रीट प्रिंटिंग तकनीक से किया गया है। रोबोटिक प्रिंटर द्वारा बनाई गई डिजाइन के मुताबिक इसमें कंक्रीट की परत दर परत जमा की गई है। बता दें इसे लेकर एल एंड टी का कहना है कि यह रोबोटिक की मदद से पूर्व एंबेडेड डिजाइन को शामिल करते हुए तैयार किया गया है। इस तकनीक के साथ इसके निर्माण को 43 दिनों में पूरा किया गया है। हालांकि पारंपरिक तरीके से अगर इसे तैयार किया जाता तो इसे बनाने में 4 से 6 महीने का समय लगता। इस तकनीक की वजह से 23 लाख की लागत से इसे तैयार किया गया है। खास बात यह है कि इस तकनीक से बनने पर इसमें पारंपरिक तरीके से आने वाले खर्चे से 30 से 40% तक कम खर्च आया है।

बता दे इस तरह के भवन निर्माण में मशीन और रोबोट का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि सक्षम तकनीकी वजह से फिलहाल यहां इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसके निर्माण में कोई वर्टिकल नहीं जोड़ा गया है। 3D प्रिंटिंग तकनीक डेनमार्क से आयात की गई थी। इस खास प्रौद्योगिकी के माध्यम से कंक्रीट शूटिंग और 3D वाली दीवार बनाई गई है।

Kavita Tiwari