जब मनोज बाजपेयी की पिता ट्रैक्टर की चाबी थमा कहते ‘जाइए फलाना का खेत जोत आइए’

मनोज बाजपेई फिल्म इंडस्ट्री में एक संजीदा ऐक्टर के रूप में अपनी जगह बना चुके हैं। सत्या, गैंग्स ऑफ वासेपुर और राजनीति जैसी फिल्मों में उनके रोल को हमेशा याद किया जाता है। हालांकि उनके शुरुआती दिन काफी संघर्ष भरे थे। मनोज बाजपेयी बिहार के एक छोटे से गांव बेलवा से हैं।

हाल ही में मनोज बाजपेई की अमेजॉन प्राइम की वेब सीरीज फैमिली मैन टू रिलीज किया गया। दूसरे सीजन ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर धूम मचा दी। आपको बता दें कि इस सीरीज का पहला भाग भी लोगों को खूब पसंद आया था। वेब सीरीज के जरिए अपनी एक अलग पहचान बना चुके मनोज बाजपेयी ने अपने शुरुआती करियर के दौरान लंबा स्ट्रगल किया है तब जाकर मनोज को यह मुकाम हासिल हुआ।

आपको बता दें कि मनोज बाजपाई के पिता किसान हैं और वह 6 भाई बहन है। मनोज बाजपेई बताते हैं कि हमारे पिता 15 बीघा जमीन जोतते थे। जब हम अपनी छुट्टियों में बोर्डिंग स्कूल से घर आते थे तो हमें भी ट्रैक्टर की चाबी दी जाती थी और कहा जाता था कि जाइए फलाना का खेत जोत आइए। तो हमारी जिम्मेदारी होती थी कि हम अपने पिता के काम में हाथ बटाए। मैं सबसे कमजोर था तो मेरा मन नहीं लगता था लेकिन मेरे सारे भाई ट्रैक्टर चलाना जानते थे और खेत जोतना भी जानते थे।

अनुपम खेर शो में मनोज बाजपाई ने बताया कि पढ़ाई को लेकर उनके पिता के अंदर एक अजीब जुनून रहता था। वह खुद डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाए। मनोज बाजपेई ने कहा कि जब से उन्होंने होश संभाला है वह अभिनेता बनना चाहते थे।

कभी नहीं देखते आईना

मनोज ने कहा कि मैं जब भी मेकअप करता हूं तो अपना चेहरा शीशे में कभी नहीं देखता. मुझे आज तक कांपलेक्स है कि पता नहीं मैं कैसे अभिनेता बन गया। मनोज बाजपाई ने अपने जिंदगी में काफी स्ट्रगल किया है। आपको बता दें कि मनोज बाजपाई जब पांचवी क्लास में पढ़ते थे उसी वक्त उन्होंने दिल्ली जाने की ठान ली थी इसके बाद 12वीं पास करते ही मनोज बाजपाई दिल्ली के लिए निकल निकल पड़े थे।

Manish Kumar

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