क्या हाइवे के पास खरीदी है जमीन और बनवाना चाहते है घर, तो जरुर जान लें ये नियम वर्ना लग जायेगा करोड़ों का गच्चा!

Construction Rule And Law Near Highway: हाईवे से एक निश्चित दूरी पर घर बनाने का नियम पहले से ही तय किया जाता है, ताकि हाईवे के विस्तार के दौरान राज्य सरकार या केंद्र सरकार को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। ऐसे में अगर हाईवे के आसपास कोई जमीन खरीद कर वहां घर बनाते हुए इन नियमों को दरकिनार करता है, तो सरकार किसी भी निजी निर्माण को तोड़ने का मालिकाना हक रखती है। खास बात यह है कि नियम का उल्लंघन करने के चलते उसे मुआवजा भी नहीं दिया जाता। हालांकि इस दौरान जो घर काफी पहले से बने होते हैं, उन्हें सोने से पहले सरकार मालिक की अनुमति भी लेती है और उसे मुआवजा भी देती है।

घर बनाने के लिए करना होगा इन नियमों का पालन

जब भी हम घर का निर्माण करते हैं तो यह बात तो लाजमी है कि हम एक छोटे से घर को बनाने में भी उसमें लाखों रुपए निवेश करते हैं। ऐसे में जब भी हाईवे के नजदीक कहीं जमीन खरीदे, तो कुछ सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करना बिल्कुल भी ना भूले, वर्ना एक ही झटके में लाखों की चपत लग सकती है। ऐसे में आइए हम आपको हाईवे के इर्द-गिर्द जमीन लेने और उस पर इमारत खड़े करने के कुछ खास नियमों और निर्देशों के बारे में बताते हैं, जो बेहद जरूरी है।

नगरपालिका बताती है सभी नियम और निर्देश

अलग-अलग राज्य में मकान की दूरी के लिए अलग-अलग नियम तय किए जाते हैं। ऐसे में आप अपने शहर की नगर पालिका में जाकर इन नियमों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं। हर श्रेणी की सड़क के लिए right-of-way यानी प्रवेश की अनुमति निर्धारित की जाती है। सीमा से बाहर डायवर्ट प्लांट पर संबंधित सरकारी विभागों के नियम अनुसार नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) यानी आवास बनाने के लिए अनुमति पत्र बनवाया जाता है।

उत्तर प्रदेश में रोड कंट्रोल एक्ट 1964 के मुताबिक यह साफ बताया गया है कि राष्ट्रीय राज्य मार्ग और राज्य मार्ग में मध्य रेखा से 75 फुट और मेजर डिस्टिक रोड से 60 फुट की दूरी किसी भी निजी आवास के लिए बेहद जरूरी है, जबकि ऑर्डिनरी डिस्ट्रिक्ट रोड में 50 फुट की दूरी रखना आवश्यकता की श्रेणी में रखा गया है। इस दूरी के बाद भी किसी भी खुले निर्माण कार्य या सीमांकन कार्य आदि को उल्लंघन किया जाता है, तो उसे सरकारी आदेश के बाद तोड़ दिया जाता है।

सरकारी इजाजत लेना है बेहद जरूरी

बता दे कुछ हाइवे के नियमों के मुताबिक कोई भी निर्माण कार्य हाईवे के मध्य से दोनों और 75-75 मीटर की दूरी तक नहीं होना चाहिए। यदि निर्माण कार्य अत्यंत आवश्यक होता है, तो इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों और राजमार्ग मंत्रालय की इजाजत लेना अनिवार्यता की श्रेणी में रखा जाता है।

इसके साथ ही राष्ट्रीय राज्य मार्ग नियंत्रण अधिनियम की धारा 42 के मद्देनजर यह भी प्रावधान है कि हाईवे के मध्य से 40 मीटर तक कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता, जबकि 40 से 75 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य अगर अत्यंत आवश्यक है तो भूमि के मालिक को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारी से इसके लिए अनुमति लेनी होगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों की सिफारिश के उपरांत ही उन्हें एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसके बाद वह इस एनओसी के माध्यम से संबंधित विकास प्राधिकरण या जिला पंचायत के पास जाकर नक्शा प्राप्त कर सकते हैं और अपना निर्माण कार्य उसे देखकर शुरू कर सकते हैं।

Kavita Tiwari