बिहार में निजी जमीन पर पेड़ लगाने पर सरकार देगी पांच साल तक मजदूरी, साथ मे ये भी सुविधाएं

बिहार में नीतीश सरकार ने सभी 38 जिलों के ग्राम पंचायतों से मनरेगा के तहत वृक्षारोपण करने को कहा है। उन्होंने इस वित्तिय वर्ष में 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। जिसमे 1.50 करोड़ काष्ट पौधे और 50 लाख फलदार पौधे लगाए जाएंगे।बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित मनरेगा इसमे बहुत ही अच्छी भूमिका निभा रही है। मनरेगा के द्वारा ही अभी बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सरकार वनों को बढ़ाने का कार्य कर रही है। मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग ने इस वितीय वर्ष में 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

बिहार में कोरोना और लॉकडौन के कारण काफी बेरोजगारी भी बढ़ गयी है। नीतीश सरकार की इस नई योजना से रोजगार के साथ साथ हरित आवरण की भी शुरुआत होगी। इस योजना के अंतर्गत लोग अपनी निजी भूमि पर काष्ट और फलदार पौधे लगा सकते है। जलवायु और मिट्टी के आधार पर फलदार पौधों का चयन होना चाहिए इनमे आम , लीची , जामुन , कटहल , बेल , नीबू , अमरूद आदि के पौधे लगेगें। जिसकी भूमि पर जो पौधा लगाया जाएगा उस पौधे के फल से लेकर लकड़ियों पर सिर्फ जमीन के मालिक का हक़ होगा। अगर किसी परिवार के पास पौधे लगाने को जमीन नही है तो दो से तीन परिवार को एक इकाई यानी 200 पौधे लगाए जाने का प्रावधान मनरेगा में किया गया है। इससे इसका फायदा छोटे किसान भी उठा पायेंगे।

5 वर्ष तक हर महीने मिलेगी मजदूरी

निजी जमीन पर लगाए गए पौधे की सुरक्षा उसकी देखभाल से लेकर सिंचाई पटवन आदि की सुविधा दी जायेगी। इसके अलावा एक इकाई पौधे की देख रेख के लिए वृक्षारोपण वर्ष से अगले 5 वर्ष तक हर महीने 8 दिन की मजदूरी मनरेगा योजना से दी जाएगी।सरकार की इस वृक्षारोपण योजना के अंतर्गत कार्यविभाग की सड़कों के किनारे , तालाबों के किनारे और निजी भूमि पर ज्यादा वृक्षारोपण किया जाए। 2021-22 में पौधरोपण के लिए अब तक 30 हज़ार 586 योजनायें तैयार है जिनमे निजी योजनाएं 16 हज़ार 852 , सड़क के किनारे 830 और जल संरचनाओं के किनारे 1648 इसके अलावा अन्य 1856 योजना शामिल है। बिहार सरकार 33% हरित आवरण प्राप्त करने के लिए ये अभियान चला रही है।

Manish Kumar

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