किसानों के कम पढ़े लिखे के कारण वो कई तरह की मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं। बिहार के किसानों के अंदर जागरूकता की भी कमी है जिसके कारण वो भी मुफ्त बीमा योजना या इससे जुड़ी किसी भी तरह के लाभ से वंचित हो जाते है। अभी इंडियन फार्मर्स फ़र्टिलाइज़र कॉपरेटिव (इफको) संकट हरण का कार्य कर रही है।
दरअसल इफको ने खाद के खरीद पर बीमा योजना रखा है कि अगर कोई किसान इफको खाद की एक बोरी खरीदता है तो वह चार हज़ार रुपए की मुफ्त बीमा का हकदार हो जाता है। अगर वो किसी कारणवश दिव्यांग होता है तो 1 हज़ार रुपए मिलते है। ये बीमा 1 साल तक मान्य होती है। लेकिन निजी कंपनियों में ऐसी कोई स्किम नही होती है।
आइये अब जानते है असल मे संकट हरण बीमा है क्या?
खाद की खरीद के बाद अगर कोई किसान साल भर में दुर्घनाग्रस्त हो जाता है तो उसे बीमा की सारी राशि मिल जाती है। इसमें कई तरह के दुर्घटना शामिल है जैसे सांप काटना , रेल सड़क हादसा , जलने या किसी मशीन से दुर्घटना होने पर बीमा की राशि किसान को या किसान के परिवार मे किसी को भी बीमा राशि मिल जाती हैं। लेकिन प्राकृतिक मामला मामले में बीमा योजना का लाभ नही मिल पाएगा। इफको के राज्य विपणन प्रबंधक सोमेश्वर सिंह के अनुसार इफको खाद की प्रति बोरी पर किसानों को 4 हज़ार रुपए वार्षिक का बीमा प्रदान किया जाता है। इसी तरह एक किसान को अधिकतम 25 बोरी खाद की खरीद पर 1 लाख रुपए का बीमा का लाभ मिलता है।
दावा के लिए जमा कराने होंगे ये जरूरी कागजात
- खाद की बिक्री की मूल रसीद
- प्राथमिक सूचना रिपोर्ट की प्रति
- पोस्टमार्टम की रिपोर्ट प्रति
- मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति
योजना का लाभ कैसे ले
किसान ने जहाँ से भी इफको का खाद खरीदा है उसका रसीद जरूर ले। रसीद में किसान या खरीदार का नाम , पिता , पत्नी , या पुत्र का नाम नामित के रूप में लिखे। इसके अलावा स्प्ष्ट रूप से पता , रसीद जारी करने की तारीख़ , खरीद रसीद पर इफको ब्रांड या खरीदी गई बोरी की संख्या लिखवा ले। खाद खरीदने की तिथि से एक महीने बाद यह बीमा सुविधा लागू हो जाती है।
इफको बिहार में 200 से अधिक केंद्रों पर अपना खाद बेचती है। जिसमे 52 केंद्र सीधे कंपनी के है। 150 अधिक केंद्र बिस्कोमॉन के है। इसके अलावा 5000 से अधिक पैक्स पर खाद की बिक्री होती है। सबसे हैरानी की बात ये है कि पिछले साल बिहार से एक किसान ने भी बीमा के लिए दावा नही किया जबकि इस दौरान कंपनी द्वारा राज्य में किसानों को 4 तरह की 65 हज़ार टन खाद दी गईं। पिछले वित्तिय वर्ष इफको ने बीमा के दावे के तौर पर एक सौ करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
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