नीतीश सरकार के पास ना दिल है, ना दिमाग, ना लगन और ना ही संवेदना- तेजस्वी यादव

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ दलों भाजपा और जदयू पर तंज कसते हुए कहा है कि दोनों पार्टियां सोची समझी नीति के तहत आम लोगों का ध्यान ज्वलंत मुद्दों से भटका रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतितिश जी के इशारे पर दोनों दल के नेता एक-दूसरे पर छींटाकशी कर लोगो का ध्यान मेन मुद्दे से हटा रहे हैं । जरा भी इन नेताओं को बेड, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों, ऑक्सीजन, दवा, वैक्सीन, वेंटिलेटर व इलाज की कमी से मर रहे लाखों लोगों की परवाह नहीं है।

मृत्यु के आंकड़ों को कम किया जा रहा

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि संक्रमण व मृत्यु के आंकड़ों को 20-30 गुना कम करके और लोगों का ध्यान भटकाकर भाजपा-जदयू वाले समझते हैं कि लोगों को रोज हो रही हजारों मौतों के बारे में पता नहीं चल पाएगा । ” राज्य सरकार के पास ना दिल है, ना दिमाग, ना लगन और ना ही संवेदना”।उन्होंने नीतीश सरकार को नकारा और विफल सरकार बताया है।आगे उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों से आपदा, विपदा के समय केंद्र सरकार का सकारात्मक सहयोग बिहार को कभी नहीं मिला। उन्होंने बिहार को भगवान और यमराज के भरोसे पर छोड़ दिया है।

तेजस्वी ने आगे कहा कि “बिहार में एनडीए के 40 में से 39 लोकसभा सांसद, 9 राज्यसभा सांसद और 5 केंद्रीय मंत्री हैं। 16 सालों से एनडीए के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं, फिर भी बिहार वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता में देश में सबसे निचले पायदान पर है। इतनी बेशर्म, विफल, नाकारा व निक्कमी सरकार पृथ्वी ग्रह पर कहीं और नहीं मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा कि अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री तार्किक, तथ्यात्मक और आक्रामक रूप से अपने प्रदेश की समस्याओं व संसाधनों की कमी, उपलब्धता और केंद्र द्वारा असहयोग को खुल कर व्यक्त करते हैं, लेकिन बिहार के इतिहास के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री डरे, सहमे और दुबके से रहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना काल में मुख्यमंत्री सिर्फ मौत और जांच के आंकड़े कम करने में व्यस्त हैं।

Manish Kumar

Leave a Comment