Bihar Government Hoardings And Flex Policy: अक्सर देखा गया है कि शहरों में कहीं भी मनमानी अंदाज से पोस्टर, बैनर, होर्डिंग और फ्लेक्स चिपका दिए जाते हैं, लेकिन बिहार में अब ऐसा नहीं होगा। होर्डिंग और फ्लेक्स चिपकाने की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार एक पॉलिसी लेकर आ रही है, जिसके तहत अब से अलग-अलग इलाके और कुछ खास जगहों पर ही होर्डिंग और बैनर लगाने की इजाजत दी जाएगी। खास बात यह है कि इन जगहों पर होर्डिंग और बैनर लगाने के लिए आपको शुल्क भी चुकाना होगा।
होर्डिंग और फ्लेक्स चिपकाने की मनमानी होगी खत्म
मौजूदा समय में लोग अपने कारोबार का प्रचार प्रसार करने के लिए कहीं भी होर्डिंग फ्लेक्स चिपका दिया करते थे। इतना ही नहीं इसके लिए वह किसी भी तरह का कोई शुल्क भी पथ निर्माण विभाग को नहीं देते थे, लेकिन अब ऐसी मनमानी नहीं चलेगी। अब उन्हें पथ निर्माण विभाग की सड़क और शहरी निकाय विभाग के मुताबिक कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही पोस्टर और होर्डिंग लगाने की इजाजत मिलेगी और इसके लिए उन्हें फीस भी चुकानी होगी।
सरकारी राजस्व में होगा इजाफा
इस मामले में सरकार का इस फैसले को लेकर कहना है कि होर्डिंग के इस धंधे में लगभग हजार करोड रुपए का राजस्व है, जिस एजेंसी के माध्यम से होर्डिंग लगाई जाती है वे अपने क्लाइंट से इसके लिए एक अच्छी खासी रकम भी वसूलते हैं। इतना ही नहीं कुछ मामलों में जगह को लेकर भी स्थानीय प्रशासन के स्तर पर एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी लेना पड़ता है। ऐसे में संबंधित एजेंसी से इस सर्टिफिकेट के लिए अब तक कोई राशि नहीं वसूली जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
इस दौरान कई बार यह भी देखा गया कि यह संबंधित एजेंसियां उन क्षेत्रों में भी यह बड़े-बड़े होर्डिंग और फ्लेक्स लगा देती है, जहां सड़क सुरक्षा के लिहाज से इसे लगाए जाने की परमिशन नहीं होती। ऐसी एजेंसियों की मनमानी पर अब सरकार की ओर से अंकुश लगाने के लिए नई नीति लाई जा रही है। सरकार द्वारा इस नई नीति के तहत कुछ नए नियम भी बनाए जाएंगे।
नई नीति के तहत होर्डिंग और फ्लेक्स के लिए चुकानी होगी फीस
इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा जो नई पॉलिसी लाई जा रही है, उसके तहत सबसे पहले यह तय किया जाएगा कि किसी इलाके के पथ निर्माण विभाग की जमीन या फिर किसी अन्य विभाग की जमीन पर होर्डिंग या फ्लेक्स लगाने की दरें क्या है। इसके साथ ही पहले यह भी तय किया जाएगा कि कितनी अवधि तक इससे संबंधित एजेंसी इस होर्डिंग को लगा कर रख सकती है। कंपनी का चयन एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित के आधार पर किया जाएगा। साथ ही अवधि खत्म होने के बाद इनकोडिंग्स और फ्लेक्स को हटा दिया जाएगा।
अलग-अलग जगहों की तय होंगी अलग-अलग दरें
इस कड़ी में नई नीति में यह भी प्रावधान रखा जाएगा कि अलग-अलग शहरी निकाय के लिए अलग-अलग दरें तय की जाएंगी। इसमें नगर निकाय के अतिरिक्त राशि का 1% इससे जुड़े विभाग को भी जाएगा, जिसकी जमीन पर यह होर्डिंग लगाई जाएंगी। इसके साथ ही इससे संबंधित विभाग से एनओसी लेना भी अनिवार्यता की श्रेणी में रखा गया है। सरकार की इस नई नीति का पालन नहीं करने वाले या इसके विरुद्ध जाने वाले लोगों और एजेंसी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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