Bihar news: बिहार सरकार (Bihar Government) के कानून मंत्री डॉक्टर शमीम अहमद (Law Minister Shamim Ahmed) ने राज्य के करीबन 4000 मंदिरों, मठों और ट्रस्ट को नोटिस भेज सख्त निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के 38 जिलों के अधिकारियों को इस मामले में निर्देश देते हुए इन 4000 गैर पंजीकृत मंदिरों, मठों और ट्रस्ट को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 3 महीने का समय दिया है। कानून मंत्री द्वारा यह जानकारी शनिवार को साझा की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में कई मंदिरों के पुजारी और मठों के महंतों ने जमीन ट्रांसफर कर दी है या फिर बेच दी है। ऐसे में इस मामले में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं भी सामने आई हैं, जिन पर जांच होना जरूरी है।
3 महीने में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी
कानून मंत्री शमीम अहमद द्वारा साझा की गई जानकारी में कहा गया कि बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट कानून 1950 के तहत राज्य के सभी सार्वजनिक मंदिरों मठों, ट्रस्ट और धर्मशाला उनको बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड यानी बीएसबीआरटी में रजिस्टर्ड कराना अनिवार्यता की श्रेणी में रखा गया है। गैरकानूनी दावों से मंदिर की जमीन समेत संपत्तियों की हिफाजत के लिए उनका रजिस्ट्रेशन कराना भी जरूरी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में मिलाकर करीब 4000 गैर पंजीकृत सार्वजनिक मंदिर और ट्रस्ट है। इन सभी को अगले 3 महीने के भीतर ही बीएसबीआरटी के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
कितनी है गैर पंजीकृत मंदिर, मठों और ट्रस्ट की संख्या
दर्ज आंकड़ों के आधार पर बात करें तो बीएसबीआरटी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में गैर पंजीकृत मंदिरों, मठों की संख्या सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर में है, जिसका आंकड़ा 433 है। इसके अलावा समस्तीपुर में 272, पूर्वी चंपारण में 226, दरभंगा में 259, सीतामढ़ी में 203, भागलपुर में 210, रोहतास में 210, वैशाली में 209, बेगूसराय में 170, सारण में 154, नालंदा में 159 और भोजपुर में 197 है।
कानून मंत्री शमीम अहमद ने दिए रजिस्ट्रेशन के सख्त आदेश
इस मामले पर बिहार सरकार के कानून मंत्री अब सख्त नजर आ रहे हैं। बीएसबीआरटी के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या 3002 है, और उनके पास 18,500 एकड़ की जमीन है। बीएसबीआरटी द्वारा 35 जिलों से संकलित आंकड़ों के मुताबिक बिहार में लगभग 4,055 गैर पंजीकृत मंदिर और मठ है, जो कि कुल 4000 एकड़ से ज्यादा जमीन के मालिक है।
मालूम हो कि बीएसबीआरटी का कार्यभार बिहार सरकार के कानून विभाग को सौंपा गया है। यही वजह है कि कानून मंत्री शमीम अहमद ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि- अगर गैर पंजीकृत मंदिर, मठ और ट्रस्ट समय पर पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो राज्य सरकार इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाएगी। ऐसे में सरकार की ओर से इन गैर पंजीकृत मंदिर, मठ और ट्रस्ट को पंजीकरण के लिए 3 महीने का समय दिया गया है।
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