Ins Vikrant: देश को मिला पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत, जानें इसकी खासियतें

ins vikrant ki khasiyat: भारत को आज देश का अब तक का सबसे बड़ा और पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत INS विक्रांत (ins vikrant ) मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने केरल के कोच्चि में आज आईएनएस विक्रांत का जलावतरण (INS Vikrat Launch) करते हुए इसे राष्ट्र को समर्पित किया है। आईएनएस विक्रांत भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से बने इस स्वदेशी अत्याधुनिक संचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत का जलावरण करते हुए इसकी कई खूबियां गिनाई। साथ ही पीएम मोदी ने यह भी बताया कि यह वैश्विक स्तर पर भारत की मेक इन इंडिया मुहिम का डंका बजायेगा और बदलते भारत की तस्वीर को बुलंद करेंगा। क्या है आई एन एस विक्रांत की खूबियां…? आइए हम आपको डिटेल में बताते हैं…

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देश को मिला स्वदेशी INS विक्रांत

इस INS विक्रांत पोत के जलावतरण के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसैनिक ध्वज का भी अनावरण किया। बता दें यह ध्वज औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्धि समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत का प्रतीक होगा। भारतीय नौसेना के वाइस चीफ और वाइस एडमिरल एसएन घोरपडे ने इस पोत को लेकर पहले ही कहा था कि आईएनएस विक्रांत हिंद प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने का काम करेगा। साथ ही उन्होंने बताया था कि आईएनएस विक्रांत पर विमान उतारने का प्रशिक्षण नवंबर महीने से शुरू हो जाएगा, जो कि साल 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा। इसके अलावा मिग-29 जेट विमान पहले कुछ सालों के लिए युद्धपोत से संचालित होंगे।

 ins vikrant  2022

क्या है INS विक्रांत की खासियत

आईएनएस विक्रांत के जरिए रक्षा क्षेत्र में भारत ने आत्मनिर्भर की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। INS विक्रांत के सेवा में आने से भारत अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन जैसे उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए विमान वाहक पोत मौजूद है। भारत की क्षमता मेक इन इंडिया के तहत अब लगातार आसमान की बुलंदियों को छू रही है।

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INS विक्रांत से बढ़ी देश की समुद्री शक्ति

युद्धपोत का निर्माण भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक लघु-कुटीर एवं मध्यम उपक्रम द्वारा किया गया है। स्वदेशी उपकरणों और मशीनों के इस्तेमाल से इसका निर्माण किया गया है। आईएनएस विक्रांत के जला वितरण के साथ ही भारत के पास सेवा में मौजूद दो विमान वाहक जहाज हो गए ,हैं जो देश की समुद्री सुरक्षा में खास तौर पर तैनात किए गए हैं।

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क्या है INS विक्रांत के नाम का अर्थ

गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के संगठन युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया और बंदरगाह जहाजरानी एवं जल मार्ग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गए इस स्वदेशी विमान वाहक का नाम उसके शानदार समुद्री भारत के पहले विमान वाहक विक्रांत के नाम पर रखा गया है। बता दें आईएनएस विक्रांत साल 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है। विक्रांत शब्द का शाब्दिक अर्थ विजयी और वीर होता है।

 कैसे हुआ है INS विक्रांत का निर्माण

स्वदेशी विमान वाहक की नीव अप्रैल 2005 में औपचारिक स्टील कास्टिंग द्वारा रखी गई थी। इस विमान वाहक को बनाने के लिए खास तौर पर स्टील का ही इस्तेमाल किया गया है, जिसे वॉरशिप ग्रेड स्टील कहते हैं। मेक इन इंडिया और स्वदेशी अभियान को आगे बढ़ाते हुए आईएनएस के निर्माण के लिए आवश्यक वॉरशिप ग्रेड स्टील को रक्षा अनुबंध एवं विकास प्रयोगशाला और भारतीय नौसेना के सहयोग से स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के जरिए सफलतापूर्वक देश में निर्मित किया गया है। इसके बाद जहाज की खोल के काम को आगे बढ़ाया गया और फरवरी 2009 में जहाज के पठाण यानी नौतल कील का निर्माण कार्य शुरू हुआ। बता दें पठाण जहाज के सबसे नीचे रहने वाला बुनियादी हिस्सा है, जिसके सहारे यह पूरा ढांचा खड़ा किया जाता है।

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इस जहाज में कुल 2200 कमरे बनाए गए हैं, जिससे चालक दल के लगभग 1600 सदस्यों के लिए डिजाइन किया गया है। खास बात यह है कि इसमें महिला अधिकारियों और नव युवकों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन भी शामिल किए गए हैं। साथ ही मशीनरी संचालक जहाज नौवहन और उत्तरजीविता के लिए बहू उच्च स्तर के संचालक के साथ इसे डिजाइन किया गया है। आईएनएस विक्रांत विमान वाहक अत्याधुनिक उपकरणों की प्रणाली से लैस है।

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हर सुविधा से लैस होगा INS विक्रांत

इसके साथ ही यह स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) और हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 और एमएच-60 आर बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों सहित 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में भी सक्षम होगा। आईएनएस विक्रांत पोत में नवीनतम चिकित्सा उपकरण सुविधाओं के साथ एक पूर्ण अत्याधुनिक चिकित्सा परिसर है। इसमें प्रमुख मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर), आपातकालीन मॉड्यूलर ओटी, फिजियोथेरेपी क्लीनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, दंत चिकित्सा परिसर, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि शामिल हैं।

Kavita Tiwari