केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Union minister Jitendra Singh) ने रविवार को भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन बस (India first Hydrogen bus) को हरी झंडी दिखा दी है। इसके साथ ही देश में पहली स्वदेशी रूप से विकसित हाइड्रोजन बस का शुभारंभ हो गया है। खास बात यह है कि इस बस को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और निजी फर्म के केपीआईटी लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। बता दे इस बस का शुभारंभ पुणे में किया गया है।
जल्द पूरा होगा पीएम मोदी का हाइड्रोजन विजन
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बात को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाइड्रोजन विजन के सपने को साकार करने की दिशा में काम चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह हाइड्रोजन विजन भारत के लिए बेहद जरूरी है। इसके जरिए भारत आत्मनिर्भर और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने में कामयाब होगा। साथ ही जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को भी पूरा किया जा सकेगा और नए उद्यमियों के साथ-साथ देश के तमाम हिस्सों में नौकरियों के भी नए दरवाजे खुलेंगे।
VIDEO: Inspired by PM Sh @NarendraModi‘s National Green Hydrogen Mission, unveiled India’s first indigenously developed Hydrogen Fuel Cell Bus developed by KPIT-#CSIR at #Pune, supported by Union Ministry of Science & Technology. pic.twitter.com/pNtEj9h5xw
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) August 21, 2022
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने साझा की पूरी जानकारी
इस दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने यह भी कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन एक उत्कृष्ट स्वच्छ ऊर्जा वेक्टर है, जोकि रिफायनिंग उद्योग, उर्वरक उद्योग, इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग और भारी वाणिज्यिक परिवहन क्षेत्र में भी डीकार्बोनाइजेशन को सक्षम बनाता है।
जितेंद्र सिंह द्वारा साझा की गई जानकारी के मुताबिक इस बस को चलाने के लिए ईंधन सेल हाइड्रोजन और वायु का उपयोग किया जाएगा। इस बस से सिर्फ पानी ही बाहर निकलेगा। यही कारण है कि इस इको फ्रेंडली बस को परिवहन के लिए सबसे अनुकूल साधन बताया जा रहा है। जितेंद्र सिंह द्वारा मीडिया में साझा की गई जानकारी के मुताबिक लंबी दूरी के मार्गों पर चलने वाली एक डीजल बस आमतौर पर सालाना 100 टन CO2 का उत्सर्जन करती है और भारत में ऐसी करीबन 10 लाख से ज्यादा बसे हैं।
डीजल के मुकाबले किफायती होगा हाइड्रोजन ईंधन
जितेंद्र सिंह ने कहा कि हाइड्रोजन ईंधन सेल ट्रकों की परिचालन लागत डीजल से चलने वाले ट्रकों की तुलना में बेहद कम होगी। इसके जरिए देश में माल ढुलाई के क्षेत्र में क्रांति आएगी। साथ ही 12 से 14% CO2 उत्सर्जन डीजल से चलने वाले भारी वाहनों में होता है। हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन इस क्षेत्र में ऑन रोड उत्सर्जन को खत्म करने के लिए उत्कृष्ट साधन प्रदान करेगा और साथ ही यदि डीजल के मुकाबले काफी किफायती भी होगा।