बिहार में शुरू हुआ रेलवे का ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट, 10 मिनट में चकाचक हो जाएगी ट्रेन

भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने अपने यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक नई तकनीक की शुरुआत की है, जिसके तहत भागलपुर में अब महज 10 मिनट में ही आपकी ट्रेन चकाचक चमक उठेगी। दरअसल बिहार (Bihar) के भागलपुर में ऑटोमेटिक रेल कोच वाशिंग प्लांट (Automatic coach washing plant in Bhagalpur) का उद्घाटन कर दिया गया है। बता दें सोमवार को मालदा रेल डिवीजन के डीएम यतेंद्र कुमार ने इसका उद्घाटन किया है। इस मौके पर डीआरएम (DRM) ने बताया कि यह वाशिंग प्लांट कई तरीको से लोगों को फायदा पहुंचाएगा। साथ ही इससे महज 10 मिनट में पूरी ट्रेन की सफाई भी हो जाएगी।

Automatic coach washing plant in Bhagalpur

भागलपुर में हुआ ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट का उद्घाटन

उन्होंने बताया कि जहां एक ट्रेन के सफाई करने में हर दिन भारी पैसा खर्च होता है। वही सफाई में पानी भी भारी तादाद में बर्बाद होता है, लेकिन अब वाशिंग प्लांट के जरिए कम समय में सफाई के साथ-साथ पानी की भी बचत होगी। डीआरएम ने कहा कि मौजूदा समय में ट्रेन के कोच को धोने में कई लोगों की मेहनत के साथ-साथ ज्यादा समय भी लगता है, लेकिन अब ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट के साथ यह काम मिनटों में हो जाएगा।

Automatic coach washing plant in Bhagalpur

इस उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सीनियर डीएमई, सीनियर डीपीओ, कैरिज एंड वैगन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर, मुख्य प्रबंधक सहित कई अन्य लोग भी मौजूद रहें। सभी ने इस वाशिंग प्लांट के उपयोग को उपयोगी और किफायती बताया।

Automatic coach washing plant in Bhagalpur

एंवायरमेंट फ्रैंडली है ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट

बता दे रेलवे का यह ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट सिर्फ समय और पैसों की ही बचत नहीं करता, बल्कि यह पूरी तरह से एंवायरनमेंट फैंडली भी है। यह प्लांट रेल कोच धोने के परंपरागत तरीकों से 90% कम पानी का इस्तेमाल कर महज 10 मिनट में ही पूरी ट्रेन को साफ कर देगा। मौजूदा समय में एक कोच धोने में 1500 लीटर का पानी लगता है, लेकिन ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट से केवल 300 लीटर पानी में ही पूरी कोच धूल जाएगी। इसके साथ ही इस इस्तेमाल किए गए पानी का 80% रिसायक्ल कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

Kavita Tiwari