बिहार के प्लस टू स्कूलों में 30 हजार शिक्षकों की होगी नियुक्ति, शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान, प्रक्रिया शुरू

बिहार (Bihar) में जुलाई के आखिर तक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 30,000 शिक्षकों (Bihar Teacher Vacancy) की नियुक्ति होगी। शारीरिक शिक्षक के 5,000 से अधिक खाली पदों पर बहाली के लिए शीघ्र ही पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में बुधवार को यह घोषणा शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Chaudhary) ने की। शिक्षा मंत्री विभाग (Education Minister) की अनुपूरक मांग पर चर्चा के दौरान प्रश्न का जवाब दे रहे थे। विधानसभा में शिक्षा विभाग के 12 हजार, 13 करोड़ रुपए से अधिक की अनुपूरक मांग को ध्वनिमत से स्वीकृति दी।

Vijay Kumar Chaudhary

30,000 शिक्षकों की होगी नियुक्ति

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार की प्राथमिकता लिस्ट है। मौजूदा वित्त वर्ष के बजट में सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग को ही राशि आवंटित कराई गई है। मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही स्कूल बिल्डिंग के निर्माण पर खास ध्यान दिया जा रहा है। स्कूल भवनों के बनाने पर 2 वर्ष में 7000 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। उन्होंने आगे कहा कि कानून अड़चनों की वजह से 30,000 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रुकी हुई थी। अब कोई बाधा नहीं है। शारीरिक शिक्षकों के 8368 पदों में से 3500 पदों पर नियुक्ति हो गई है। मंत्री ने मदरसा शिक्षा से संबंधित नियमावली को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी कामयाबी बताया। बीते दिन विधानसभा में इस नियमावली को प्रस्तुत किया गया।

Bihar Teacher Vacancy

42,000 शिक्षकों को सौपा जायेगा नियुक्ति पत्र

शिक्षा मंत्री ने सदन में जानकारी दी कि छठे चरण के बहाली प्रक्रिया में 42,000 से ज्यादा शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है। शेष दो से ढाई हजार रिक्त पदों पर एक पखवारे में बहाली हो जाएगी। प्रारंभिक विद्यालयों में 40,000 से ज्यादा प्रधान शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्लस टू विद्यालयों के लिए प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न हो गई है। 

Bihar Teacher Vacancy

मालूम हो कि ये दोनों नियुक्ति बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के सहयोग से हो रही है। मंत्री ने बताया कि सभी अनुमंडल मुख्यालयों पर डिग्री महाविद्यालयों का टारगेट लगभग-लगभग हासिल किया जा चुका है। एक दर्जन अनुमंडलों में भूमि का अभाव है जिसके वजह से डिग्री कॉलेज खोलने में बाधा आ रही थी। भूमि का समाधान हो गया। अब जल्द ही डिग्री कॉलेज खुलेंगे।