बिहार (Bihar) में एक बार फिर संबद्ध डिग्री कॉलेजों पर शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) शिकंजा कसता नजर आ रहा है। राज्य के सभी 227 अंगीभूत डिग्री कॉलेजों के लिए शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों के तन्खवाह भुगतान, आय-व्यय का लेखा-जोखा, विषय एवं संकाय के अतिरिक्त सीटों की संख्या इत्यादि के संदर्भ में वेबसाइट पर पूरी जानकारी देना जरूरी है। आलम यह है कि कई कालेजों के मैनेजमेंट ऑनलाइन सूचना देने से कतरा रहे हैं और शिक्षा विभाग के आदेश को अनदेखा कर रहे हैं। शिक्षा विभाग (Education Department) ने कई दफा अपील भी की है। फरवरी महीने से अभी तक सात लेटर लिखे जा चुके हैं, लेकिन नौबत यह है कि पूरी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई है।

कॉलेजों के मनमानी रवैये से परेशान विभाग
विभाग ने तमाम सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड करने का आखिरी मौका इन कॉलेजों को दिया है। यदि निर्धारित समय सीमा में जानकारी अपलोड नहीं होती है तो इन कॉलेजों का संबद्धता रद्द होगा। संबद्धता प्राप्त डिग्री कालेजों के इस रवैये और मनमानी पर नकेल कसते हुए सभी कुलपतियों को शिक्षा विभाग ने लेटर लिखा है, जिसमें निर्धारित अवधि के अंदर पोर्टल पर सूचनाएं अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, विभाग ने कॉलेजों के प्रबंधन को इस बात की जानकारी दी है कि और स्पष्ट रूप से वेतन आदि की पूरी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करें।
शिक्षा विभाग के सचिव ने कॉलेज मैनेजमेंट से कहा है कि व्यवस्था अनुदान वितरण को प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। संबद्ध डिग्री कॉलेजों के शिक्षकेतर कर्मचारियों और शिक्षकों की सुविधा के मद्देनजर अनुदान हेतु सब्सिडी के वितरण और आवेदन को प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन ही प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे। अगर सरकार के द्वारा इन कॉलेजों का मान्यता रद्द कर दिया जाता है तो इसका असर यहां पढ़ रहे हजारों छात्र और छात्राओं पर पड़ेगा, जिससे उनका करियर चौपट हो सकता है और भविष्य में बड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है।