समुंद्र के बीच 80 KM घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ये ट्रेन, Indian Railway रचेगी इतिहास, कितने की है टिकट

Rameshwaram bridge : भारतीय रेलवे (Indian Railway) से हर दिन लाखों की तादाद में लोग सफर करते हैं। ऐसे में भारतीय रेलवे से सफर करने वाले लोगों के लिए एक नई और दिलचस्प खबर आई है। यह बात तो सभी जानते हैं कि भारतीय रेलवे का इतिहास कई दशकों पुराना है। वही इतिहास में एक नया ऐतिहासिक (Indian Railway Create New History) क्षण जुड़ने वाला है। दरअसल 560 करोड रुपए की लागत से दक्षिण रेलवे समुद्र के बीच पुल पर लिफ्ट प्रणाली का प्रयोग कर एक नया रेलवे ट्रैक बिछाने (Indian Railway Train Between Sea) की कवायद में जुटा हुआ है। खास बात यह है कि इस पर 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ती (Train will run 80 KM per hour Between Sea) नजर आएगी।

Indian Railway Train Between Sea

रेलवे रचेगा नया इतिहास

भारतीय रेलवे की ट्रेन का समुद्र की लहरों के बीच से गुजरने का दृश्य बेहद खूबसूरत और रोमांचकारी होगा। समुद्र के बीचो-बीच से हाई स्पीड ट्रेन को गुजारने का सपना भारतीय रेलवे जल्दी पूरा करेगा। ऐसे में यह भारतीय रेलवे के लिए एक नया और ऐतिहासिक क्षण होगा, जिसके साथ रेलवे एक नया इतिहास रचेगी।

rameshwaram bridge

 

खास बात यह है कि यह ट्रेन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन से गुजरेगी। इसमें खास बात यह है कि यह पुल जहाज के नजदीक आने पर खुद-ब-खुद ऊपर चला जाएगा। यह नजारा बेहद खूबसूरत और रोमांचित करने वाला होने वाला है। इस योजना की जानकारी खुद मदुरई डिविजन के सहायक कार्यकारी अभियंता ने साझा की है। उन्होंने बताया कि रामेश्वर से 18 किलोमीटर आगे तक ये ट्रेन जाएगी, इसमें कुल तीन पड़ाव होंगे। अभी 120 साल पुराने इस पुल से केवल एक दर्जन रेलगाड़ी को ही गुजरती है। वह भी मात्र 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही जा पाती है, लेकिन अब रेलवे पवन के साथ ही एक नया पुल निर्माण करने की कवायद में जुट गया है।

Indian Railway Train Between Sea

बता दे धनुषकोड़ी वही जगह है जहां पर राम सेतु शुरू होकर श्रीलंका तक जाता है, यहां से श्रीलंका समुद्र के रास्ते 12 समुद्री मील की दूरी पर है। नए पुल में 18.3 मीटर और 100 स्पैन के साथ 63 मीटर के एक नेविगेशन स्पैन भी होंगे। यह पुल 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक की तेज हवाओं की मार झेलने के साथ ही समुद्र की शक्तिशाली लहरों का मुकाबला कर सकेगा।

Kavita Tiwari