बिहार के किसान हो जाएगें अब मालामाल, पंचायत स्तर पर नियुक्त हजारों कृषि अधिकारी की दिया गया जिम्मा

बिहार में अब अनुमान के आधार पर खेती का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया जाएगा। अधिकारी पंचायत स्तर पर जाकर किसानों से बात करेंगे और उसको उसके बाद नया लक्ष्य निर्धारित करेंगे। इसकी शुरुआत इसी खरीफ फसल से हो गई। इसका जिम्मा 3600 कृषि कर्मियों को सौंपा गया है। बिहान ऐप के जरिए पूरा काम ऑनलाइन ही होगा। प्रदेश में खेती का रकबा व उत्पादन के लक्ष्य के लिए कृषि विभाग के द्वारा इस तरह का नया प्रयोग शुरू किया गया। कर्मियों ने अभी तक 37 लाख सेक्टर में कृषि की पक्की जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें अपना काम इसी महीने के आखिर तक पूरा कर लेना है।

bihar farmers income

पहली बार शुरू किए गए इस प्रयोग से इसी खरीफ फसल में सही तस्वीर सामने निकलकर आएगी। जिन कर्मियों को जिन पंचायतों का जिम्मा सौंपा गया है वह अपने इलाके के हर गांव में खुद जाएंगे। इलाकों के किसानों से बात करेंगे फिर फसल बार रकवा निर्धारित करेंगे। इस वर्ष कितने एकड़ में मक्के और धान के साथ दूसरी फसलों की खेती करने का निर्णय किसानों ने लिया है, यह जानकारी लेकर कर्मी को विहान ऐप पर अपलोड करना होगा। एप पर रकवा आ आने के बाद जिला के कृषि अधिकारी जिले में फसल के उत्पादकता के तहत तक उत्पादन का टारगेट फिक्स करेंगे फिर मुख्यालय को सौंपेंगे। मुख्यालय का काम केवल आंकड़ों मिले आंकड़े को एक साथ प्रदेश का टारगेट फिक्स कर देना है।

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पिछला साल इतना रहा पैदावार 

बता दें कि पिछले साल खरीफ सीजन में 33 लाख हेक्टेयर भूखंड में धान, दलहनी फसल 1.50 लाख हेक्टेयर में एवं 50 हजार हेक्टेयर भूखंड में मोटे अनाजों की खेती का टारगेट फिक्स किया गया था। इसी आधार पर 1.80 लाख मैट्रिक टन दलहनी फसल, 118.80 लाख मैट्रिक टन धान, 0.50 लाख मैट्रिक टन और 17.10 लाख मैट्रिक टन मक्का की खेती का लक्ष्य तय किया गया था। अंतिम रिपोर्ट आएगी इसके बाद ही मालूम हो सकेगा की टारगेट और उत्पादन में कितना का फासला है।