दरभंगा के अनुराग इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ बेच रहे हैं चाय, बनाते हैं 17 तरह की चाय, कर चुके हैं बीटेक

बिहार (Bihar) के पटना की ग्रेजुएट चाय वाले की चर्चा चारों (Patna Graduate Boy Become Chai Wala) और हो रही है। अब दरभंगा के बेरोजगार इंजीनियर भी अपने चाय दुकान (Engineer Become Chai Wala) को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। यह चाय वाला भी कम पढ़ा लिखा नहीं है, बल्कि इस शख्स ने बीटेक की डिग्री हासिल की है और पेशे से इंजीनियर है।‌‌ इंजीनियर के पिता गांव में ही चिकित्सक हैं। चायवाला का नाम अनुराग (Engineer Anurag Chai Shop) है। अनुराग ने बीटेक और डिप्लोमा की पढ़ाई करने के बाद नौकरी भी की और फिर नौकरी छोड़कर अपने भठियारीसराय कस्बे में चाय की दुकान (Engineer Tea Seller Anurag Ranjan Shop) खोल ली।

इंजीनियर अनुराग बना चाय वाला

आगरा के चारों ओर लाइमलाइट में आ गए हैं। उन्होंने अपनी चाय की दुकान पर अपनी डिग्री का भी जिक्र किया है। अनुराग का घर मधुबनी जिले के खुशियलपट्टी में है। पंजाब में बीटेक और डिप्लोमा की पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद कुछ दिनों तक नौकरी भी की लेकिन वहां अपने आप को फिट नहीं देखे तो नौकरी ठुकरा दी। परिवार ने विरोध किया उसके बावजूद अनुराग ने अपने मन की सुनते हुए खुद का बिजनेस शुरू किया। अपनी छोटी सी चाय की दुकान खोल अनुराग (Engineer Tea Seller Anurag Ranjan) अपने सपनों को हकीकत में बदलने में लग गए हैं।

17 तरह की अलग-अलग चाय है स्पेशलिटी

अनुराग ने जिस इलाके में चाय की दुकान खोली है वहां कोचिंग सेंटर है, इसलिए ज्यादातर स्टूडेंट ही उनके ग्राहक हैं। वे अपने दुकान पर 17 प्रकार की चाय बनाते हैं। एक कप चाय की कीमत सात रुपए से लेकर 55 रुपए तक है। ग्राहकों को अपनी ओर लुभाने के लिए अनुराग ने दुकान पर कई पंचलाइन लिखा है। अनुराग बताते हैं कि शिक्षा का यह मतलब नहीं कि नौकरी हासिल किया जाए, खुद का मालिक बनना किसी के नौकर बनने से कहीं ज्यादा अच्छा होता है।

अनुराग ने बताया कि परिवार वालों के विरोध के बावजूद भी उन्होंने छोटी सी चाय की दुकान खोली और अपने सपनों को साकार करने में लग गए हैं। उनका मानना है कि लोग नौकरी कर अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकते हैं, लेकिन अपने सपने को नहीं। अगर सपने को साकार करना है तो खुद के बलबूते कुछ खड़ा करना होगा।

Kavita Tiwari