उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 15 गांव जल्द ही बिहार (Bihar) के पश्चिम चंपारण में शामिल होने वाले हैं। इन्हें शामिल करने की प्रक्रिया का काम भी तेजी से चल रहा है। वहीं पश्चिमी चंपारण (West Champaran) के साथ गांव को उत्तर प्रदेश में शामिल करने की भी कवायद तेज हो गई है। ऐसे में शुरुआत में आई बाधा को भी खत्म कर दिया गया है। प्रमंडलीय आयुक्त मिहिर कुमार सिंह ने इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट राज्य सरकार (State Government) को सौंप दी है। राज्य एवं केंद्र सरकार (Centrak Government) इस मामले पर जल्द ही फैसला करेगी।

बिहार में शामिल होंगे यूपी के 15 गांव
राज्य एवं केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद दोनों राज्यों की भौगोलिक संरचना में परिवर्तन हो जाएगा। साथ ही बगहा के गंडक पार के साथ के गांव भौगोलिक तौर से उत्तर प्रदेश से जुड़ जाएंगे और ठीक इसी तरह से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, महाराजगंज जिले के कई गांव बिहार में शामिल हो जाएंगे। इससे कई तरह की प्रशासनिक परेशानियों से भी लोगों को निजात मिलेगी। साथ ही ग्रामीणों को अपने खेत में जाने के लिए किसी तरह की समस्या का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

गौरतलब है कि गांव के हस्तांतरण को लेकर पश्चिमी चंपारण के समाहर्ता द्वारा जांच कराते हुए राज्य के गृह विभाग ने प्रमंडलीय आयुक्त से इस मामले की रिपोर्ट की मांग की है। साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त ने गृह विभाग के अपर सचिव को भी इस मामले में रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि यूपी के महाराजगंज के कपरधिक्का, नरसिंहपुर, सोहगीबरवा, भोथहा, खुटहवा, वनसप्ती, शिकारपुर व बकुलहिया एवं कुशीनगर के नारायणपुर, बकुलादह, हरिहरपुर, बसंतपुर, मरचहवा, शिवपुर व बालगोविंद छपरा गांव प्रशासनिक दृष्टिकोण से जल्द ही बिहार में शामिल किये जा सकते हैं।

इसके साथ ही पश्चिम चंपारण के बगहा अनुमंडल के सात गांव बैरी स्थान, मंझरिया, मझरिया खास, श्रीपतनगर, नैनहा, भैसही और कतकी को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में शामिल किया जा सकता है।