हाल ही में बिहार सरकार ने फैसला लिया था कि अब बिहार पुलिस में सिपाही और सब इंस्पेक्टर के पदों पर किन्नरों की सीधी नियुक्ति होगी। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया था कि सिपाही और दरोगा की नियुक्तियों में इनके लिए सीटें रिजर्व होगी हर 500 सीटों पर एक सीट किन्नरों के लिए आरक्षित होगी।
बिहार सरकार ने पटना हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है। उसने राज्य में किन्नरों की आबादी के आधार पर पुलिस बहाली में उनका आरक्षण कोटा निर्धारित कर दिया है। ऐसे में वह दिन दूर नहीं जब अपराधियों का पीछा किन्नर करेंगे हर जिले में कम से कम एक किन्नर दरोगा और 4 किन्नर सिपाही होंगे।
किन्नरों को आबादी के अनुसार पुलिस बहाली में मिला आरक्षण कोटा
पटना हाईकोर्ट में किन्नरों के आरक्षण देने को लेकर वीरा यादव की जनहित याचिका का निष्पादन कर दिया है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से आमिर सुबहानी ने कार्रवाई रिपोर्ट पेश की इसमें बताया गया की
राज्य के प्रत्येक 1 लाख लोगों में 39 किन्नर
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की आबादी 10.41 करोड़ थी जिसमें ट्रांसजेंडर की संख्या 40,827 थी। इस हिसाब से ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व एक लाख में 39 है। पुलिस में जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व का ध्यान रखने पर वर्तमान समय में कम से कम 51 पद पर ट्रांसजेंडर का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। यानी 2550 पुलिस अधिकारी या कर्मी पर 1 ट्रांसजेंडर वर्ग का होना चाहिए। इनमें 41 सिपाही और 10 SI पदों की संख्या हो सकती है। पटना हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर 2020 के अपने उस आदेश में संशोधन किया जिसमें उसने पुलिस की बहाली के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी थी। अब पुलिस की बहाली की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी
500 पदों पर एक पद ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षित
जैसा कि हमने अपने पिछले रिपोर्ट में बताया था SI के लिए नियुक्ति का अधिकार DIG स्तर के पदाधिकारी के पास होगा। वही Constable के लिए नियुक्ति का अधिकार SP का होगा। पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग और सिपाही में प्रत्येक 500 पदों पर एक पद किन्नर समुदाय के लिए आरक्षित होगा। इस पद के लिए अलग से विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा अगर किन्नर के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति के क्रम में चयनित अभ्यर्थियों की स्थिति कम पड़ जाती है तो आरक्षित शेष रिक्तियों को उसी मूल विज्ञापन के सामान अभ्यर्थियों से भरने की कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस बहाली में किन्नरों के आरक्षण देने की याचिका का निष्पादन
पटना हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पुलिस बहाली में किन्नरों के आरक्षण देने को लेकर वीरा यादव की जनहित याचिका का निष्पादन कर दिया है याचिकाकर्ता का कहना था कि किन्नरों को सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा जो पढ़े लिखे एवं सभी कार्यों में कुशल हैं उन्हें पुलिस बहाली में आरक्षण नहीं मिल रहा।
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