बिहार को मिलेगी नई सेंट्रल यूनिवर्सिटी की सौगात, एक बार फिर लौटेगा विद्यापीठ को गौरव

बिहार विद्यापीठ (Bihar Vidyapith) को एक बार फिर से पहचान मिलने वाली है। बता दे अब बिहार विद्यापीठ को सेंट्रल विश्वविद्यालय (Bihar New Central University) का दर्जा मिलना आसान हो जाएगा। लंबे समय के इंतजार के बाद बिहार विद्यापीठ को काशी (Kashi Vidyapith) और गुजरात विद्यापीठ (Gujrat Vidyapith) की तरह ही विश्वविद्यालय बनाने का इंतजार खत्म हो गया है और साथ ही इस पर काम की कवायद शुरू हो गई है।

Bihar New Central University

सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनेगी बिहार विद्यापीठ

बिहार विद्यापीठ को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष विजय प्रकाश ने रविवार को कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार विद्यापीठ में अतिक्रमण काफी सालों से था। इस कारण कई कोर्स शुरू करने में परेशानी भी आ रही थी। अतिक्रमण होने से यूजीसी के पास सेंट्रल विश्वविद्यालय के लिए आवेदन नहीं किया जा सकता था, लेकिन अतिक्रमण हट गया है और जल्द ही इसके लिए आवेदन किया जाएगा।

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क्यों छिन गई था विद्यापीठ का दर्जा?

बता दे देश में आजादी से पहले देश भर में 3 विद्यापीठ की स्थापना की गई थी, जिनमें से बिहार विद्यापीठ सबसे पहला था। इसके बाद काशी विद्यापीठ और फिर गुजरात विद्यापीठ की स्थापना की गई। इन तीनों को नेशनल विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त था, लेकिन आंदोलन के दौरान 1932 और 1942 में तीन साल के लिए बिहार विद्यापीठ के नेशनल विश्वविद्यालय की मान्यता पर अंग्रेज सरकार ने रोक लगा दी।

इसके बाद के हालातों का जिक्र करते हुए अध्यक्ष विजय प्रकाश ने बताया कि 1932 में रोक लगने के 3 साल बाद यानी साल 1935 में नेशनल विश्वविद्यालय की मान्यता तो मिल गई, लेकिन 1942 में इस मान्यता पर एक बार फिर से रोक लगा दी गई। इसके बाद 1945 में डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा इसे एक बार फिर विश्वविद्यालय की मान्यता दिलाने की कोशिश की गई, लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं हुई।

इस नाकामयाबी के साथ डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के सपने अधूरे रह गए, लेकिन अब उनके साथ-साथ बिहार के लाखों बच्चों के सपने भी पूरे होंगे। जल्दी बिहार विद्यापीठ को एक बार फिर विश्वविद्यालय का दर्जा मिलेगा।

Bihar New Central University
प्रतीकात्मक तस्वीर

दूसरे विश्वविद्यालयों से अलग होगा बिहार विद्यापीठ

बता दे बिहार विद्यापीठ दूसरे अन्य विश्वविद्यालयों से अलग होगा। इसमें जो भी कोर्स कराए जाएंगे, वह सभी रोजगार परक होंगे। अध्यक्ष ने यह भी बताया कि इनमें स्वरोजगार, कौशल विकास, सृजनात्मक परक एवं उद्यमिता पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इससे दूसरे विश्वविद्यालयों से इसे एक अलग छवि एवं परिचालन दिया जाएगा। इस सत्र में कई पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। इसके बाद यूजीसी के पास सेंट्रल विश्वविद्यालय के लिए आवेदन भी दिया जाएगा।

Kavita Tiwari