बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जिला प्रशासन ने वाहन नियमों में कई बड़े बदलाव करते हुए कई वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी है। बता दें जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए यह नए नियम 1 अप्रैल 2022 यानी आज से राजधानी पटना में सुचारु रुप से लागू होंगे, जिनके मद्देनजर पटना की सड़कों पर ऑटो और डीजल बस का परिचालन पूरी तरह से बंद (Diesel Auto And Buses Ban In Patna) कर दिया गया है।
राजधानी में आज से नहीं चलेंगी डीजल बस और ऑटो
गौरतलब है कि जिला प्रशासन की ओर से यह बड़ा फैसला बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए लिया गया है, जिसके मद्देनजर जिले में एक साथ लगभग 250 बस और 12000 ऑटो के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन की ओर से यह आदेश जारी करने के दौरान कहा गया कि- राजधानी में प्रदूषण के लेवल को कम करने के लिए यह बड़ा फैसला किया गया है। परिवहन विभाग की तरफ से डीजल गाड़ियां चलाने की अंतिम तारीख 31 मार्च यानी कल तक की थी।
बेरोजगार हुए हजारों परिवार
वही सड़कों पर ऑटो के परिचालन के बंद हो जाने से ऑटो चालक परेशान है। उनका कहना है कि इस नियम के लागू होने से वह बेरोजगार हो गए हैं। सरकार पहले से बेरोजगार लोगों को रोजगार नहीं दे रहीं, वहीं जिनके पास रोजगार है उनसे भी रोजगार छीन लिया है।
बिहार: सरकारी आदेश के बाद पटना में कल से (1 अप्रैल से) डीज़ल बसे-ऑटो नहीं चलेगी।
एक ऑटो चालक ने कहा, “अपने बच्चों के लिए अच्छी नौकरी लगवाने का प्रयास कर रहे थे। सरकार रोज़गार नहीं दे पा रही है ऊपर से रोज़गार छीन लिया। मैं बैंकों में लोन लेने के लिए गया लेकिन मुझे लोन नहीं दिया।” pic.twitter.com/yKsEGkIbCq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2022
प्रदूषण के मामले में पटना अव्वल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदूषण के स्तर को देखते हुए साल 2019 में ही डीजल गाड़ियों को बंद करने का फैसला किया था। इस दौरान प्रदूषण के मामले में राजधानी पटना पूरे देश में पहले स्थान पर पहुंच चुका है। पटना में प्रदूषण का एक्यूआई लेवल 400 के पार पहुंच गया है, जो अब जनता के स्वास्थ्य के साथ-साथ सरकार के लिए भी परेशानी की वजह बन गया है।
मालूम हो कि जिला प्रशासन की ओर से जारी यह जानकारी कोई नई नहीं है। इससे पहले 31 जनवरी 2020 को इस नियम को लागू करना तय किया गया था, हालांकि बाद में तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया जिसके बाद 31 मार्च 2022 से फाइनली इसे लागू कर दिया गया है। बता दे सरकार की ओर से गाड़ी को डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट कराने के लिए अनुदान भी मिल रहा है, लेकिन ऑटों चालको का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह का अनुदान लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।