बिहार: सरकारी नौकरी वाले ध्यान दें, सरकार तीन महीने का नोटिस देकर हटा देगी, जाने वजह

सरकारी नौकरी (Government Job) मिलने के बाद अक्सर लोगों की सोच होती है कि अब वह अपने जीवन में एक सिक्योर लाइफ,करियर हासिल कर चुके हैं, लेकिन बिहार (Bihar) में सरकारी नौकरी करने वाले लोगों पर अब सरकार की गाज गिरने वाली है। दरअसल काम में कमजोर पड़ रहे सरकारी सेवकों को हटाने की प्रक्रिया में बिहार सरकार (Bihar Government) कुछ बड़े फैसले लेने वाली है। सरकार ने सभी विभागों के लिए इस मामले में आदेश जारी कर कहा है कि- विभागीय समिति ऐसे कर्मचारियों (Bihar Government Big Decision on Government Employee) की पहचान करें, जो काम में कमजोर पड़ गए हैं। उन कर्मियों को सेवा से हटाने के लिए अपनी अनुशंसा सरकार को सौंपें। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Bihar Government

सरकारी कर्मचारियों पर गिरेगी सरकार की गाज

गौरतलब है कि इस मामले में मुख्यालय के कार्यालयों के अलावा प्रमंडल एवं जिला स्तर पर भी ऐसी समितियों का गठन होगा। सामान्य प्रशासन विभाग पत्र के मुताबिक इस तरह का आदेश पहले भी दिया गया था, लेकिन अब तक विभाग की ओर से समितियों के गठन की जानकारी नहीं सौंपी गई है। मालूम हो कि सामान्य प्रशासन विभाग ने 2 साल पहले 23 जुलाई 2020 को संकल्प जारी कर 50 साल से अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों को सेवा से हटाने का फैसला किया था, जो अब तक सही ढंग से लागू नहीं हुआ है।

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सरकार की ओर से ऐसे कर्मचारियों को कामकाज की आर्थिक समीक्षा का आदेश दिया गया है, लेकिन सरकार के विभागों ने सरकार के इस आदेश पर खासा रूचि नहीं दिखाई है। इसी का नतीजा है कि आदेश का कार्यान्वयन अभी तक नहीं हो सका है। सरकारी आदेश के मुताबिक 50 की उम्र पार कर चुके ऐसे सरकारी सेवकों को पद से हटाया जाएगा, जिनकी कार्य दक्षता संतोष पद नहीं है। उन्हें सेवा पर बनाए रखना लोकहित में नहीं है। यह उन कर्मियों पर लागू होगा, जिनकी पहली नियुक्ति की तिथि से जिनकी सेवावधि 21 वर्ष पूरी हो चुकी है।

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नोटिस दे बाहर का रास्ता दिखायेगी सरकार

मालूम हो कि बिहार सेवा संहिता में भी इसका प्रावधान दिया गया है। जिसके मुताबिक सरकारी सेवा से हटाए गए कर्मियों को 3 महीने का नोटिस या 3 महीने का वेतन भी दिया जाएगा। फिलहाल क, ख, ग और अवर्गीकृत समूह के कर्मियों की समीक्षा के दायरे बनाए जाएंगे, जिनमें समूह क के कर्मियों की समीक्षा अपर मुख्य सचिव प्रधान सचिव और सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। अपर सचिव या संयुक्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति दूसरे समूह यानी समूह ख के सेवकों के बारे में फैसला करेगी। इसके अलावा समूह ग व अवर्गीकृत कर्मियों के बारे में निर्णय लेने के लिए भी एक टीम गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे।

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मालूम हो कि समिति आज इन मानकों पर किसी सेवक को हटाने की अनुशंसा करेगी। उनमें सत्य निष्ठा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। यानी संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कर्मचारियों को बिना किसी कारण के हटाए जा सकते हैं। कार्य दक्षता का दूसरा मानक समीक्षा के दौरान किसी सेवक के पिछले 5 सालों के कामों की समीक्षा के आधार पर भी किया जाएगा।

Kavita Tiwari