बिहार में चुनाव प्रचार काफी जोरों से चल रहे हैं. सभी पार्टी के नेता अपने वोटरों को लुभाने के लिए तरह-तरह के उपाय अपना रहे हैं। एक ऐसा अनोखा मामला गया से सामने आया है। मामला यह है कि नेताजी अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए कुछ नया करना चाहते थे इसलिए वह भैंस पर चढ़कर लोगों के बीच वोट मांगने निकले। लोगों का इस पर तो ध्यान बहुत आकर्षित हुआ पर यह करना नेताजी पर तब भारी हो गया जब नेताजी पर एक केस दर्ज हो गया।
आपको बता दें कि नेताजी पर पशु क्रूरता अधिनियम और सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी को लेकर एक केस दर्ज कराया गया ह। यह पूरा मामला राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के गया शहरी विधानसभा के उम्मीदवार प्रवेज मंसूरी का है। परवेज मंसूरी जी गांधी मैदान के गेट के सामने से भैंस पर सवार होकर अपने जनसंपर्क अभियान के लिए निकले। नेताजी को भैंस पर सवार देख लोगों के बीच काफी उत्सुकता हुई और काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई।
नेताजी का लोगों का ध्यान आकर्षित करने का यह तरीका तो बिल्कुल ही कारगर सिद्ध हुआ परंतु यह उपाय उल्टा तब पड़ गया जब नेताजी के विरोध मे सिविल लाइन थाने में एफ आई आर दर्ज हुई। नेताजी को गांधी मैदान से स्वराजपुरी रोड तक जाते जाते गिरफ्तार कर लिया गया।
नेता जी बोले गया मे काफी प्रदूषण
जब नेता जी को भैंस पर सवार होकर जनसंपर्क अभियान करने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि शहर में प्रदूषण बढ़ते जा रहा है इसलिए मैंने सोचा कि भैंस पर सवार होकर लोगों के बीच जाया जाए ताकि प्रदूषण ना हो। आगे नेता जी ने कहा कि मैं उन राजनेताओं को आइना दिखाना चाहता हूं, गया आज बिहार का सबसे गंदा शहर है अगर मैं चुनाव जीत कर आता हूं तो गया को बिल्कुल ही स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बना दूंगा। उन्होंने कहा कि एनडीए के उम्मीदवार प्रेम कुमार गया है 30 साल से विधायक हैं और काँग्रेस के मोहन श्रीवास्तव 15 साल से गया के डिप्टी मेयर हैं पर गया आज बिहार का सबसे प्रदूषित शहर है।
पशु क्रूरता अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मामला
गया के एसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि परवेज अंसारी और उनके समर्थकों के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया गया है उन पर पशु क्रूरता अधिनियम और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इसकी पूरी अच्छे से छानबीन करेगी और उचित कार्यवाही करेगी।
बता दें कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने राजनीतिक पार्टियों को अपने चुनाव प्रचार में पशु का उपयोग ना करने की सलाह दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार किसी भी तरह के चुनाव प्रचार में जानवर का इस्तेमाल बिल्कुल ही ना करें। इतना ही नहीं चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि यदि किसी पार्टी के पास किसी जानवर का चित्रण करने वाले प्रतीक है तो चुनाव प्रचार में बिल्कुल ही इसका लाइव प्रसारण ना करें। परंतु इन सब के वावजूद पता नहीं नेता जी को भैस पर चढ़कर लोगों के बीच जाने की क्या सूझी!
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