बिहार (Bihar) की अर्थव्यवस्था को लेकर हुए सर्वे में एक बार फिर चौका देने वाले खुलासे सामने आए है। इसमें असमानता में विभिन्न जिलों के प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में भी गिरावट दर्ज की गई है। बिहार के आर्थिक सर्वेक्षण (Bihar Economic Survey) में सभी जिलों के बीच आर्थिक समानता के साथ ही शहरीकरण में भी जिलों की असमानता नजर आई है, जिसके तहत पटना (Patna) जिले में शहरीकरण का स्तर 44.3 फ़ीसदी है। इसके अलावा सिर्फ 2 जिले ऐसे हैं, जिनमें यह प्रतिशत ज्यादा है। इस लिस्ट में मुंगेर (Munger) और नालंदा (Nalnda) का नाम शामिल है।
बता दे मुंगेर में 28.3 फ़ीसदी और नालंदा में 26.2 फ़ीसदी शहरीकरण का स्तर दर्ज किया गया है। इन दोनों जिलों के शहरीकरण में भी बड़ा अंतर है। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट (Bihar Economic Survey Report) के मुताबिक बिहार के शहरीकरण दक्षिण बिहार के जिलों में उत्तर बिहार से अधिक शहरीकरण की तस्वीर सामने आई है।
प्रति व्यक्ति आय में पहले दर्जे पर पटना
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019-20 के आंकड़ों को आधार रखते हुए यह सामने आया है कि प्रति व्यक्ति आय के मामले में पटना जिला 131.1 हजार रुपए से करीब ढाई गुना अधिक है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में पटना के बाद दूसरे नंबर पर बेगूसराय है, जिले की प्रति व्यक्ति आय 51.4 हजार रुपये से करीब ढाई गुणा अधिक है। प्रति व्यक्ति आय के सूचकांक में मुंगेर में 44.3 हजार, भागलपुर में 41.8 हजार, रोहतास में 35.8 हजार, मुजफ्फरपुर में 34.8 हजार में, औरंगाबाद में 32 हजार, गया में 31.9 हजार, भोजपुर में 31.6 हजार और वैशाली में 30.9 हजार है।
बिहार का सबसे गरीब जिला कौन सा है
बाद बिहार के सबसे गरीब जिले की करें तो बता दें आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति व्यक्ति सबसे कम आय वाले जिलों में शिवहर में 19.6 हजार, अररिया में 20.6 हजार, सीतामढ़ी में 22.1 हजार, पूर्वी चंपारण में 22.3 हजार, मधुबनी में 22.6 हजार, सुपौल में 22.9 हजार, किशनगंज में 23.2 हजार में और नवादा में 23.4 हजार शामिल हैं।
बिहार में कहां है पेट्रोल-डीजल और रसोई घर का सर्वाधिक खर्च
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के जिलों के बीच बड़े स्तर पर आर्थिक विषमता पाई गई है। इसका अंदाजा आप पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की खपत के आधार पर भी लगा सकते हैं। पेट्रोल की खपत के मामले में पटना और मुजफ्फरपुर अव्वल दर्जे पर है। वही इस लिस्ट में बांका और शिवहर ऐसी जगह है, जहां पर पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की खपत सबसे कम है। ऐसे में इस लिहाज से बिहार का सबसे गरीब जिला शिवहर कहा जा सकता है।
बचत के मामले में भी पटना अव्वल
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक जहां पटना में सर्वाधिक आय सर्वाधिक लागत पाई गई, तो वही सर्वाधिक बचत के मामले में भी पटना अव्वल दर्जे पर है। इसमें भी दो सबसे समृद्ध और सबसे गरीब जिलों के नाम के आधार पर पटना और सारण ऐसे जिले हैं जहां प्रति व्यक्ति लघु बचत सर्वाधिक है, जबकि इस लिस्ट में अररिया और पश्चिमी चंपारण सबसे पीछे हैं।
कौन सा जिला सबसे आगे और कौन सा जिला सबसे पीछे
बिहार में आर्थिक स्तर पर आई विषमता के आधार पर विकसित जिलों की लिस्ट में पटना, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर और शेखपुरा का नाम सबसे ऊपर है, जबकि पिछड़े जिलों में अररिया, शिवहर, बांका, पश्चिमी चंपारण और कृष्णकांत का नाम सबसे नीचे है।
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