बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) समेत राज्य के कई शहरों में जल्द ही बड़ी-बड़ी मंजिलों के ढांचागत निर्माण से राज्य की तस्वीर बदलने वाली है। दरअसल पटना सहित संपूर्ण राज्य में बहुमंजिला इमारत बनाने का रास्ता अब साफ हो गया है। नगरीय क्षेत्र में बहुमंजिला इमारत के निर्माण कार्य को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने नई बिल्डिंग बाइलॉज (Bihar Building Bylaws) को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Bihar Cabinet Meeting) के दौरान इसे मंजूरी दी गई। इस दौरान बैठक में उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद (Tarkishor Prasad) जो कि नगर विकास और आवास मंत्री का पदभार भी संभाल रहे हैं उन्होंने बिल्डिंग बायलॉज प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने की खबर को साझा करते हुए इससे जुड़ी कई जानकारी दी।
राजधानी सहित पूरे राज्य में बनेंगी बहुमंजिला इमारत
उपमुख्यमंत्री ने बताया की बिहार भवन उप विधि 2014 में संशोधन करते हुए शहरी जरूरतों के मुताबिक कम क्षेत्रफल में भी ऊंची इमारतें अब से बनाई जा सकेंगी। नए प्रावधान के मुताबिक अब 40 फीट या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर बहुमंजिला भवन बनाने के लिए ऊंचाई पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। बता दे पहले 40 फीट चौड़ी सड़क पर अधिकतम 24 मीटर ऊंचे भवन निर्माण की ही अनुमति थी। इसके साथ ही 60 फीट से चौड़ी सड़क पर ऊंचाई का कोई प्रतिबंध नहीं था।
नए बदलावों और प्रावधानों के तहत उन्होंने बताया कि अब 30 फीट चौड़ी सड़क पर अधिकतम 22 मीटर ऊंचाई वाले जी प्लस 6 भवन का निर्माण किया जा सकेगा। इसके अलावा 25 फीट चौड़ी सड़क पर अब अधिकतम 16 मीटर की ऊंचाई वाले जी प्लस 4 भवन का निर्माण कार्य किया जा सकेगा।
बहुमंजिला इमारत के लिए जरूरी है 40% ग्राउंड कवरेज
गौरतलब है कि नए प्रावधान के तहत 19 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवन के लिए ग्राउंड कवरेज अधिकतम 40% होना अनिवार्य है। इसका मकसद बहुमंजिला भवन के निर्माण के क्रम में निर्माण परिसर में खुली जगह में वृद्धि लाना और ग्रीन फील्ड को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही नए बाइलॉज में अपार्टमेंट प्राधिकार, मिश्रित भूमि उपयोग, रजिस्ट्रीकृत वस्तु, बिल्डर्स, फर्स्ट क्षेत्र अनुपात, सर्विस फ्लोर सहित अभियंता के कई अहम बिंदुओं में संशोधन किया गया है।
इन जगहों पर नहीं दी गई अनुमति
बकौल उपमुख्यमंत्री नए संशोधन के तहत गंगा सहित अन्य नदियों के किनारे निर्माण पर प्रतिबंध से संबंधित प्रावधानों में भी संशोधन किया गया, जिसके मुताबिक अब गंगा नदी के किनारे बने शहर सुरक्षा दीवार से शहरी इलाके की और 15 मीटर भूमि के अंदर निर्माण व पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही गंगा नदी के तटबंध के निचले किनारे से शहरी इलाके की तरफ भी 25 मीटर भूमि के अंदर तक निर्माण या पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी गई है।
इसके अलावा अन्य नदियों के मामले में नदी के किनारे करीब 30 मीटर की भूमि पट्टी के अंदर किसी भवन के निर्माण व पुनर्निर्माण की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। बता दे नदियों के किनारे की सुरक्षा और नदियों की निर्मलता को बरकरार रखने के मद्देनजर नई बिल्डिंग बायलॉज में कई आवश्यक प्रबंध भी करने के नियम बनाए गए हैं।
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