37 कार्यों की जिम्मेदारी के बाद बिहार के शिक्षकों दी गयी ऐसी टास्क, टीचर बोलें- पहले दो बॉडीगार्ड!

बिहार (Bihar) के शिक्षकों को शिक्षा विभाग की ओर से एक नया दारोमदार सौंपा गया है, जिसके मद्देनजर बिहार के नशेड़ियो और उनकी मधुशाला की निगरानी बिहार के शिक्षा अधिकारी, प्रधानाचार्य (Bihar Liquor Ban) आदि करेंगे। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग (Education Department) के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की ओर से एक पत्र जारी कर शिक्षकों के लिए एक निर्देश जारी किया गया है, जिसके मद्देनजर राज्य के प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक और तालीमी मरकज के शिक्षक अब शराबबंदी (Teachers On Liquor Ban) के प्रति न सिर्फ लोगों को जागरूक करेंगे, बल्कि साथ ही शराबियों और शराब माफियाओं की धरपकड़ में मद्य निषेध विभाग की मदद भी करेंगे। इसके तहत वह शराबियों और शराब माफियाओं की सूचना एकत्रित कर मद्य निषेध विभाग (Prohibition Department) को फोन पर सूचित करेंगे।

शराबी दिखे तो इस नबंर पर करे फोन

शिक्षा विभाग द्वारा सूचना के मद्देनजर टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए हैं। विभाग की ओर से जारी मोबाइल नंबर 9473400378 और 9473400606 है, जबकि इस मामले में जारी किया गया टोल फ्री नंबर 18003456268/15545 है। मालूम हो कि जारी किए गए पत्र के साथ यह आश्वासन भी दिया गया है कि सूचना देने वाले शिक्षकों और अधिकारियों की पहचान को गुप्त रखा जाएगा।

निहत्थे कमलजीवी कैसे जुटायेंगे शराब माफियां की जानकारी

इसके साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में शिक्षकों, प्रधानाचार्य आदि को सरकार (Bihar government) की ओर से बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पत्र के जारी होने के बाद शिक्षकों ने सरकार पर गैर शैक्षणिक कार्यों का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं शिक्षकों का यह भी कहना है कि सरकार शिक्षकों को समाज का दुश्मन बनाना चाहती है, क्योंकि मुखबिरी करना शिक्षकों का काम नहीं है। इस दौरान शिक्षक नेता आनंद कौशल सिंह, अश्विनी पांडे, आनंद मिश्रा, प्रदीप कुमार पप्पू समेत कई दूसरे शिक्षक नेताओं ने अपना पक्ष जाहिर करते हुए कहा कि जब शराबबंदी अभियान को पुलिस और अधिकारी सफल नहीं बना सकें, तो हम निहत्थे कमलजिवी शिक्षकों के बूते पर यह सब कैसे संभव होगा।

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शिक्षकों ने सरकार के सामने रखी शर्त

इस दौरान शिक्षक नेताओं ने अपना पक्ष साफ तौर पर जाहिर करते हुए सरकार के आगे शर्त भी रखी है। उन्होंने कहा है कि- वह यह काम तभी करेंगे जब सरकार राज्य के सभी चार लाख शिक्षकों को एक-एक बॉडीगार्ड मुहैया कराएगी। इतना ही नहीं उनके रहने-खाने व अन्य जरूरी व्यवस्थाओं का भी खर्चा सरकार देगी, तो ही वह इस आदेश को मंजूर करेंगे। वरना सरकार को अपना यह आदेश वापस लेना पड़ेगा।

इस दौरान राज्य के शिक्षकों की ओर से उनका पक्ष जाहिर करते हुए शिक्षक नेताओं ने ऐलान भी कर दिया है कि रविवार को राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों में शिक्षा विभाग के इस आदेश की प्रति को जलाकर इसका विरोध जतायेंगा। साथ ही मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री का पुतला भी फूंकेंगे।

सरकारी शिक्षकों बिहार में लिये जाने वाले कार्य

सरकारी शिक्षकों बिहार में लिये जाने वाले कार्य

 

सरकारी शिक्षकों बिहार में लिये जाने वाले कार्य

सरकारी शिक्षकों बिहार में लिये जाने वाले कार्य

 

 

 

Kavita Tiwari