पटना की बबीता से मिलेंगे नीति आयोग के सीईओ और UN अधिकारी, कारण सुन आपकों भी होगा गर्व

यह खबर आपको पटना (Patna) की गलियों में रहने वाले बबीता (Garbage Picker Babita Story) पर गर्व करने के लिए मजबूर कर देगी। पटना की सड़कों और गलियों में कचरा बीनने वाली बबीता देवी (Garbage Picker Babita) ने अपनी मेहनत और संघर्ष के दम पर आज वो मुकाम हासिल किया है, जहां लोग उन्हें सामाजिक, आर्थिक बदलाव और पर्यावरण संरक्षण में उनके अतुलनीय योगदान के लिए जानते हैं और 25 जनवरी को उनकी यह कहानी पूरा देश भी जान जाएगा।

इस दौरान जब नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत (Niti Aayog CEO Amitabh Kant) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की वरीय आर्थिक सलाहकार योगिता स्वरूप, यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम यानी यूएनडीपी के तहत स्थानीय प्रमुख शो को नोएडा एंबेसी आफ जापान के शिंगो मायामोटो यूएनडीपी के कैंट्री हेड अतुल बागल के साथ उन्हें सम्मानित करेंगे। इस दौरान बबीता साफ सफाई स्वच्छता की दशा और दिशा पर अपने विचार भी लोगों के सामने रखेंगी।

पटना की बबीता बनी मिसाल

गौरतलब है कि यूएनडीपी ने देश के 10 राज्यों में से पटना सहित 14 शहरों के सफाई साथी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को लेकर सर्वे किया है। बता दें इस सर्वे रिपोर्ट को 25 जनवरी को जारी किया जाएगा, जिसके बाद देशभर में मीडिया पोस्टर, वृत्तचित्र, स्लोगन आदि के जरिए इन का प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।

स्वच्छता के साथ हुआ आर्थिक सुधार

यूएनडीपी के पदाधिकारी अरविंद कुमार ने इस मामले में जानकारी साझा करते हुए बताया कि देश भर में इस मुद्दे पर सिर्फ पटना की बबीता देवी को ही बोलने का मौका मिला है। पटना में 1267 परिवार के करीब 4000 सदस्य कचरा बीनने का काम करते हैं। गर्दनीबाग में स्वच्छता केंद्र खुलने के बाद कचरा उठाने वालों की आय बढ़ गई है। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार कार्य भी लगातार जारी है। इस दौरान 400 से अधिक लोगों का जनधन योजना के तहत बैंक में खाता भी खोला गया है। साथ ही प्रधानमंत्री बीमा योजना, आयुष्मान भारत आदि का लाभ भी इन लोगों को मुहैया कराया जा रहा है। इनके पास सभी जरूरी कागजात नहीं होने के कारण कई योजनाओं के लाभ से यह वंचित है। नगर निगम और संबंधित एजेंसियों के सहयोग से इन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य प्रयासरत है।

बता दे बबीता देवी गर्दनीबाग रोड संख्या छह स्थित झोपड़पट्टी में अपने परिवार के साथ रहती है। गर्दनीबाग स्वच्छता केंद्र में वह करीब 2 साल से काम कर रही हैं। उनके पति दुर्गा प्रसाद पटना नगर निगम में दैनिक सफाई कर्मचारी के तौर पर कार्यरत है। बबीता का कहना है कि दोनों को मिलाकर ₹16000 मासिक आमदनी होती है। पहले माह में डेढ़ से ₹2000 की आमदनी होती थी।

बबीता का कहना कि हमारी पहली प्राथमिकता हमारे तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना है, क्योकि शिक्षा जीवन का पहला आधार है। शिक्षा आपके जीवन में बदलाव ला सकती है। बता दे बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से उन्हें कोविड-19 को दौरान कोविड वॉरियर के तौर पर भी चुना गया था, जिसके बाद उन्हें श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने सम्मानित किया था।

Kavita Tiwari