बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) अपनी गर्लफ्रेंड रेचल गोडिन्हो (राजश्री यादव) से शादी कर चुके हैं, उनकी शादी के 20 दिन हो चुके हैं, दोनों साथ में क्रिसमस भी मना चुके है। अब भी दोनों की शादी चर्चा में बनी हुई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Lalu Prasad Yadav and Rabri Devi) के आवास में लंबे समय बाद खुशियों ने दस्तक दी है।
शादी के कुछ दिन बाद तेजस्वी यादव फिर से राजनीतिक में सक्रिय हो चुके हैं। हुए। उन्होंने कई मुद्दे पर सरकार पर जोरदार निशाना साधा है। फिलहाल यह नवविवाहित जोड़ा परिवार के साथ अभी शादी की खुशियां मना रहे हैं। तेजस्वी के इंटरकास्ट मैरेज करने पर पक्ष-विपक्ष सभी ने उन्हें शादी की बधाई दी है। लेकिन बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने एक ऐसी बात कह दी जिसने सियासी रंग पकड़ लिया। उन्होंने तेजस्वी के बारे में कहा कि जिन्होंने जाति की दीवार तोड़कर शादी की उन्हें जातीय जनगणना से क्या मतलब।
लालू परिवार में पहली बार अंतरजातीय विवाह किया गया है, जिसे लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है। गोवा के क्रिश्चियन परिवार की बेटी रेचल (अब राजश्री) तेजस्वी से शादी के बाद बिहारी रंग में रंग चुकी हैं। शादी के बाद वे लाल साड़ी, मांग में सिंदूर, हाथों में मेहंदी, चूड़ियां पहने पारम्परिक अंदाज में नज़र आई।
क्या सोचती है राजश्री अपने अपने पति तेजस्वी यादव के बारे मे
राजश्री अपने पति तेजस्वी बिहार की चिंता करने वाला और एक सुलझा हुआ राजनेता बताती हैं। अंग्रेजी एक्सेंट में जब उन्होंने कहा ” बिहार ठीक बा” सासु माँ राबड़ी देवी और पति तेजस्वी यादव अपनी मुस्कुराहट को रोक नहीं सके। राजश्री ग्रेजुएशन पुरी करने के बाद कुछ समय तक लंदन के बार्कले बैंक में काम कर चुकी हैं।
रेचल और तेजस्वी यादव डीपीएस आरकेपुरम में साथ पढ़ाई करते थे। स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद भी दोनों की दोस्ती बरकरार रही। राजश्री तेजस्वी को बुद्धिमान और सुलझा हुआ इंसान बताती हैं। उन्होंने कहा स्कूल के दिनों में ऐसा कभी नहीं सोचा था कि इतनी कम उम्र में तेजस्वी इतने बड़े राजनेता बनकर उभरेंगे। तेजस्वी के बारे में वे बोलीं कि उन्हें बिहार और बिहार के लोगों की काफी चिंता रहती है और बिहार की जनता उन्हें जरूर सीएम बनाएगी।
मालूम हो कि तेजस्वी के विवाह से मामा साधु यादव काफी नाराज चल रहे हैं, लेकिन बड़े भाई तेजप्रताप उनके लिए ढाल बनकर खड़े हो गए और मामा को जमकर खरीखोटी सुनाई। लेकिन तेजस्वी ने मामा साधू यादव के बयान को कोई तवज्जो नहीं दिया।