बिहार में शिक्षक बहाली के मुद्दे पर सरकार से लगातार सवाल किए जा रहे हैं। ऐसे मे शिक्षा विभाग के मंत्री मंत्री विजय कुमार चौधरी शिक्षक से नियुक्ति सारी बातें स्पष्ट कर दी है। गुरुवार को विधानसभा में अनुपूरक व्यय विवरणी पर बहस हुई, जिसमें पूछे गए विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी होते ही प्रदेश मे लगभग सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इस नियुक्ति के तुरंत बाद सवा आठ हजार फिजिकल टीचर (शारीरिक शिक्षक) की भी नियुक्ति की जाएगी।
सभी शिक्षकों को एक साथ ही मिलेगें नियुक्ति पत्र
उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 40 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है, लेकिन सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी शिक्षकों को एक साथ ही नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। बाद में वरीयता को लेकर कोई विवाद ना हो, इसे देखते हुर सरकार की तरफ से यह फैसला किया गया है। इस बात की भी जानकारी दी गई कि एक ही विज्ञापन के आधार पर अगर अलग-अलग तारीखों में नियुक्ति होने पर कोई व्यक्ति न्यायालय में भी जा सकता है। ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो, इसके लिए ही एक साथ नियुक्ति का फैसला लिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पंचायत चुनाव के कारण नियुक्ति की प्रक्रिया बाधित हुई। कुछ पंचायतों में शिक्षकों का नियोजन हो चुका है जबकि कहीं जांच की प्रक्रिया चल रही है, और कुछ में अभी तो आवेदन की ही प्रक्रिया चल रही है। ऐसे स्थिति में यदि किसी पंचायत के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने पर वरीयता के मामले सामने आने की सम्भावना है। अतः सरकार ने कहा है कि अभ्यर्थी किसी के बहकावे या उकसावे में नहीं आएं, नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होते ही सवा लाख शिक्षकों को एक साथ नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
8300 शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की भी बहाली
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पंचायत चुनाव पूरी होते ही शिक्षको की नियुक्ति को वरीयता दी जाएगी और एक साथ ही सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होगी। इसके बाद 8300 शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की बहाली की भी योजना है। इसके लिए पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने एवं उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कहते हुए बताया कि इसे देश के किसी अन्य राज्य की तुलना में अधिक बेहतर बनाया जाएगा।
इतनी है बिहार मे स्कूल की संख्या
शिक्षा के क्षेत्र में बिहार के पिछड़े होने के आरोप का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 की स्थिति की तुलना मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में बहुत सुधार हुआ है, और बिहार तेजी से आगे बढ़ा है। प्राथमिक स्कूलों की संख्या 37 हजार से बढ़कर 40 हजार हो गई है, माध्यमिक विद्यालयों की संख्या तब साढ़े 13 हजार से बढ़कर 29 हजार हो चुकी है।
शिक्षा मंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए राजद शासन काल में हुई शिक्षक बहाली में धांधली की ओर इशारा किया और कहा-शिक्षकों की बहाली बिहार लोक सेवा आयोग से हुई थी। लेकिन, उस समय में आयोग के चार में से सिर्फ एक अध्यक्ष निलंबित हुए थे। तीन को जेल की हवा खानी पड़़ी थी। हमारी सरकार की बहाली नीति में पूरी पारदर्शिता है।
इतना मिलेगा वेतन
शिक्षा मंत्री ने राज्य के शिक्षकों को कम वेतन देने की शिकायत पर कहा कि अभी जो बहाली की जा रही है, उसमें राज्य के शिक्षकों 36 हजार रुपए वेतन मिलेगा। असम की तुलना मे यह 5 हज़ार ज्यादा है, झारखंड की तुलना में यह दो हजार रुपये ज्यादा है। बिहार में अपर प्राइमरी के शिक्षकों को 38 हजार, झारखंड में 35 हजार और असम में 33 हजार रुपया वेतन दिया जाता है।
विजय चौधरी द्वारा सदन में बताया गया कि साढ़े पांच हजार पंचायतों में उच्च माध्यमिक स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। सरकार की तरफ से भवन एवं शिक्षक की व्यवस्था भी की जा रही है। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों की कमी के चलते कुछ स्कूलों में पढ़ाई बाधित होने की बात भी स्वीकार की, और आशवासन दिया की शीघ्र ही यह समस्या दूर होगी। एक किमी की दूरी पर प्राइमरी, तीन किमी की दूरी पर मध्य और पांच किमी के दायरे में माध्यमिक स्कूल खुलने की भी बात उन्होंने कही।
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