8 महीने मे शामिल हुआ वफादार स्वान रॉकी CISF से हुआ रिटायर्ड, सलामी दे कर दी गई अनूठी विदाई

आंतरिक सुरक्षा तथा देश की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों के प्रत्येक विंग में हर एक सदस्य को महत्वपूर्ण स्थान देने की गौरवशाली परंपरा रही है। बिहार मे इसे परंपरा का बहुत खुबसुरती से निर्वहन देखने को मिला। दरअसल सीआईएसएफ यूनिट में काम करने वाले स्वान (Dog) रॉकी की विदाई के लिए एक शान्दार समारोह आयोजित की गई। ऐसे उदाहरण कम ही देखने को मिलते हैं, जब किसी स्वान के लिए ऐसा भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया हो।

 

CISF यूनिट में काम करने वाले स्वान रॉकी का गुरूवार को विदाई था, जिसके लिए बरौनी में भव्य विदाई समारोह का आयोजित की गई थी। निश्चित रूप से यह पल सबके दिलो मे बस गया। इस विदाई समारोह में पूर्वी क्षेत्र के उपमहानिरीक्षक पीके ठाकुर यूनिट प्रमुख कमांडेंट आरके सिंह जैसे बड़े अफसर उपस्थित थे।

2011 से सीआईएसएफ का महत्वपूर्ण सदस्य

रॉकी साल 2011 से सीआईएसएफ का महत्वपूर्ण सदस्य रहा, उसकी विदाई समारोह भी बहुत खूब रही। समारोह में मौजूद सीआईएसएफ जवानों ने रॉकी के लिए अपने प्रेम व स्नेह को जिस तरह से अभिव्यक्त किया, अब चारों ओर इस बात की ही चर्चा है, हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है। किसी मानव बल सदस्यों की तरह ही स्वान रॉकी का स्वागत हुआ, खुली जीप में बिठाकर जवानों ने गाड़ी के रास्ते से खींचा और भव्य मंच का निर्माण कर रॉकी को उस पर विराजमान किया गया। उपमहानिरीक्षक ने रॉकी को फूलों का माला पहना कर सम्मान जाहिर किया।

महज 8 महीने मे शामिल हुआ था रॉकी

रॉकी जब महज 8 महीने का था, तो सीआइएसएफ में शामिल हो गया था। वह अपने रिटायरमेंट तक सीआइएसएफ का प्रमुख सदस्य बना रहा। 5 दिसंबर 2011 वह तिथि थी जब रॉकी को सीआईएसफ में शामिल किया गया था और 2021 में रॉकी रिटायर्ड हो गया। प्रावधान के मुताबिक, अवकाश के समय स्वान को पशु प्रेमी एनजीओ को सौंप दिया जाता है। लेकिन बेगूसराय में ऐसी कोई संस्था कार्यरत नहीं है, जिस कारण रॉकी पूरी उम्र तक सीआइएसएफ यूनिट में ही रहेगा।

कई बार कर चुका है प्रशासन की मदद

रॉकी कई बार बेगूसराय जिला प्रशासन की सहायता कर चुका है। फरार अपराधियों को पकड़ने और नशीले और मादक पदार्थों के कारोबार को नियंत्रित करने में रॉकी की अहम् भूमिका रही। इतना ही नहीं वर्ष 2015 में पंजाब में आयोजित एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रॉकी ने कांस्य पदक भी जीता और अपमी यूनिट को गौरव का एहसास कराया।

Manish Kumar