केंद्र सरकार की गति शक्ति योजना के तहत बिहार मे 1530 किमी ने सड़क निर्माण को शामिल किया जा सकता है। इसके तहत सात सड़कों का निर्माण किया जाना है। भारतमाला के दूसरे चरण के तहत इन सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया था। वित्त मंत्रालय द्वारा इस पर विचार किया जा रहा है। इसके बाद चार अन्य सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था। इस सड़क परियाेजनाएं पर काम होने से पटना, बक्सर, भोजपुर, जहानाबाद, अरवल, बिहारशरीफ, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, चंपारण सहित नेपाल से सटे इलाके और उत्तर पूर्व बिहार के कई जिले लाभान्वित होंगे।
1530 किमी की सात सड़कों के प्रस्ताव में तीन राजधानी केंद्रित
गति शक्ति योजना के अंतर्गत प्रमुख रूप से आधारभूत संरचना का विकास किया जाना है। इसके अंतर्गत पूरे देश में दो लाख किमी राष्ट्रीय उच्च पथ का नेटवर्क साल 2024-25 तक पूरा किया जाना है। भारतमाला श्रृंखला फेज-२ के अंतर्गत जिन सात सड़कों का निर्माण गति शक्ति योजना के तहत किए जाने की उम्मीद बन रही है उनमें तीन पटना केंद्रित है। इनमें एक पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे है, इसकी लंबाई 450 किमी होगी। इसके निर्माण मे 17900 करोड़ के लागत आने की सम्भावना है। वैसे तो इसका मूल एलायनमेंट बिहारशरीफ से प्रारम्भ होना है लेकिन इसे पटना से भी कनेक्टिवटी दिए जाने की योजना है।
165 किमी लंबा होगा बक्सर-जहानाबाद- बिहार शरीफ हाइवे
दूसरी सड़क बक्सर-जहानाबाद-बिहार शरीफ हाईवे है, इसकी लंबाई 165 किमी होगी। इसके निर्माण में 4600 करोड़ रुपए की लागत आने की सम्भावना है। पालीगंज से यह पटना की सीमा से गुजरेगी। यह पूरी तरह से ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट है। तीसरी सड़क दिघवारा-रक्सौल हाईवे है। इसकी लंबाई 135 किमी होगी। इसके निर्माण मे लागत 5200 करोड़ रूपये आने की सम्भावना है । पटना के शाहपुर से दिघवारा के बीच गंगा पर बनने वाले पुल से इसे पटना की कनेक्टिवटी मिल रही है।
चार अन्य सड़कों का कुछ इस तरह किया गया है चयन
भारतमाला फेज-2 के तहत जिन अन्य चार सड़कों का निर्माण गति शक्ति योजना में प्रस्तावित है उनमें इंडो-नेपाल बार्डर रोड (552 किमी ) है। इसके निर्माण मे लागत का अनुमान 21000 करोड़ लगाया गया है। दूसरी सड़क दलसिंहसराय-सिमरी बख्तियारपुर हाईवे होगी, इसकी लंबाई 70 किमी है। इसके निर्माण मे लागत 2700 करोड़ रुपए आने का अनुमान है। तीसरी सड़क सुल्तानगंज-देवघर हाईवे होगी, जो मात्र 83 किमी लंबी है। इसकी निर्माण लागत 3200 करोड़ रुपए तक हो सकती है। चौथी सड़क मशरख-मुजफ्फरपुर हाईवे है, जोकि केवल 55 किमी लंबी है। इसकी लागत 2100 करोड़ रुपए तक हो सकती है।
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