दाखिल खारिज को लेकर बिहार सरकार का बड़ा बदलाव, इस अधिकारी को दिया को अब ये अधिकार

बिहार सरकार राजस्व प्रशासन में बड़ा फेरबदल करने जा रही है। यह जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह द्वारा कहा गया। मंगलवार के दिन उन्होंने कहा कि विभाग इस बात पर विचार करेगा कि दाखिल-खारिज का जिम्मा अंचलों में तैनात राजस्व अधिकारियों को दे दिया जाए।

बता दें कि अभी यह कार्य अंचलाधिकारी (सीओ) के जिम्मे है। राजस्व अधिकारी द्वारा ही जाति, आवास और आय प्रमाण पत्र जारी करने का काम किया जाता है। मालूम हो कि अंचल अधिकारी के कार्यालयों में भ्रष्‍टाचार की सबसे अधिक शिकायतें दाखिल खारिज से जुड़ी ही होती हैं। सरकार भी लगातार आ रही ऐसी शिकायतो से परेशान हो चुकी है। यहाँ तक कि व्यवस्था आनलाइन किए जाने के बाद भी समस्‍या पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।

विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा अधिकारियों की एक कार्यशाला में मंगलवार को यह जानकारी दी गई। इसमें मध्य प्रदेश में भूमि रिकार्ड से संबंधित विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। सरकार मध्‍य प्रदेश में भूमि सुधारों से प्रेरणा लेकर राज्‍य में व्‍यवस्‍था बदलने की तैयारी कर रही है। अपर मुख्‍य सचिव ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश में नायब तहसीलदार, तहसीलदार और अतिरिक्त तहसीलदार के पद हैं। इन अधिकारियों द्वारा दाखिल-खारिज के साथ ही विवादित बंटवारा का काम भी देखा जाता है।

मालूम हो कि मध्य प्रदेश में अधिकतम छह महीनों में बंटवारा के विवादों का निबटारा हो जाता है। इसके खिलाफ एसडीओ, कलेक्टर और आयुक्त के कोर्ट में अपील करने के भी विकल्प होते है। बिहार में बंटवारा के विवाद में निर्णय देने का अधिकार भूमि सुधार उप समाहर्ता को है। उन्होंने बताया कि कम से कम समय में बंटवारा के मामले निपटाये जा सके, इसके लिए सुधारात्मक उपायों पर विचार किया जा रहा है। बिहार सरकार जमीन सम्बन्धी मामलों में मध्‍य प्रदेश की तर्ज पर कई बदलाव करने पर विचार कर रही है। एक परिवर्तन जमीन के स्‍वरूप में परिवर्तन का अधिकार एसडीएम के साथ ही डीसीएलआर को भी देने की तैयारी है।

Manish Kumar