इस वजह से भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के निर्माण पर लगाईं गई रोक, जानें अन्य पुलों के निर्माण का क्या होगा!

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण(IWAI) द्वारा गंगा नदी पर पुल के स्पैन का फासला सौ मीटर से कम होने की स्थिति मे पुल निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। आइडब्ल्यूएआइ द्वारा तकनीकी तौर पर यह व्यवस्था की गई है कि पुल के पूरे हिस्से का स्पैन सौ मीटर फासले का होना चाहिए। बता दे कि भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के समानांतर बनने वाले चार लेन पुल के निर्माण मे इस मानक के पूरा ना होने के कारण आइडब्ल्यूएआइ के द्वारा इस निर्माण पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया गया है। स्थिति यह है कि इस पुल की निविदा अब नए सिरे से करने की नौबत आ चुकी है।

आइडब्ल्यूएआइ (IWAI)की तकनीकी व्यवस्था का आधार

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के मुताबिक इस तकनीकी व्यवस्था का जो आधार बताया गया है वह पर्यावरण व वाणिज्यि‍क है। यह कहा गया है कि अगर पुल के स्पैन का फासला सौ मीटर से अधिक का नहीं होता है तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे। इसके अलावा यह तर्क भी दिया गया है कि स्पैन का फासला सौ मीटर रहने से पानी का बहाव भी अच्छे तरह से हो सकेगा और अपेक्षाकृत गाद कम जमा होगा।

पूरे पुल के हिस्से का स्पैन सौ मीटर रखने की हिदायत

आइडब्ल्यूएआइ का स्पष्ट रूप से यह मानना है कि जहां पुल का निर्माण किया जाता है वहां मुख्यधारा में स्पैन का फासला सौ मीटर तो कर दिया जाता है लेकिन मुख्यधारा से अलग स्पैन का फासला 50 मीटर ही रखा जाता है। पर्यावरण सुरक्षा के नजरिए से यह स्थिति सही नहीं है। इसलिए निर्माण किए जा रहे पुल के पूरे हिस्से के स्पैन का फासला सौ मीटर का होना की स्थिति में ही पुल निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

400 करोड़ रुपए अतिरिक्त मांग रही निर्माण एजेंसी

विक्रमशिला पुल निर्माण का जिम्मा जिस एजेंसी को दिया गया था, उसका कहना है कि अगर सौ मीटर स्पैन पर डिजायन कर पुल बनाना होगा तो चार सौ करोड़ रूपए और चाहिए। इस राशि को लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सहमति नहीं बन पा रही है।

इन जगहों पर गंगा में नए पुल का होना है निर्माण

1. शेरपुर-दिघवारा

2. जेपी सेतु के समानांतर दीघा-सोनपुर

3. गांधी सेतु के समानांतर

4.राजेंद्र सेतु के समानांतर मोकामा में

5. विक्रमशिला सेतु के समानांतर भागलपुर में

6. साहेबगंज-मनिहारी

Manish Kumar