बिहार की नदियां अब सुगम परिवहन और व्यापार के लिए वरदान साबित होंगी। राज्य सरकार ने प्रदेश की नदियों को जलमार्ग के रूप में विकसित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। जहाजों की तरह नदियों में अब नावों के सुरक्षित परिचालन व ठहराव के लिए बिहार में 25 जगहों पर बंदरगाह बनाने की तैयारी की जा रही है। सुविधाओं का विकास होने पर नदियों के रास्ते व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा। योजना के आरम्भिक चरण में बन्दरगाह विकसित करने के लिए पटना के दीघा, नासरीगंज, कच्ची दरगाह, बख्तियारपुर समेत अन्य स्थान को चिह्नित किया गया है। इन बंदरगाहों से होकर छोटे-बड़ी नावें सब्जी, दूध, पशु चारा व अन्य सामग्री की ढुलाई की जा सकेंगी। इससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र का विकास होगा।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को अमल में लाने की कवायद शुरू
केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए राज्य परिवहन विभाग, वित्त विभाग व अन्य संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ शुक्रवार को गायघाट स्थित राष्ट्रीय अंतरदेशीय नौवहन संस्थान में अहम बैठक की जाएगी। इस बैठक में शामिल होने के लिए भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष जयंत सिंह पटना पहुंच चुके हैं। प्राधिकरण के निदेशक अरविंद कुमार ने कहा कि सोनपुर स्थित कालू घाट पर बनने वाले इंटर मोडल टर्मिनल कर बारे मे भी बैठक में बातचीत की जाएगी। इस टर्मिनल के बन जाने से बिहार, उत्तर प्रदेश से लेकर नेपाल तक का जलमार्ग जुड़ेगा। इस टर्मिनल पर यात्री एवं मालवाहक जहाजों का ठहर सकेंगे।
बिहार से गुजरता है राष्ट्रीय जलमार्ग- एक
वाराणसी से बक्सर, पटना, भागलपुर के रास्ते होते हुए कोलकाता तक गंगा नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग-एक के तौर पर चिह्नित किया गया है। इस जलमार्ग को विकसित करने के लिए लंबे समय से बातचीत की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन विभिन्न प्रकार की परेशानियो के चलते इसकी गति बेहद सुस्त है।
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