पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिले सहित राज्य के अन्य जिलों मे फिर से एक अक्टूबर से बालू का खनन शुरू किया जाएगा। इन छह जिलों के लिए पहले से मिली हुई पर्यावरणीय स्वीकृति को पुराने बंदोबस्तधारियों से नये बंदोबस्तधारियों को स्थानांतरित करने की मंजूरी दी जा चुकी है। बता दे यह व्यवस्था प्रदेश के लिए बिलकुल नयी है, क्योकि इससे पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। अब लोगों उचित मूल्य पर पर आसानी से बालू मिल सकेगा।
गौरतलब है कि एनजीटी के निर्देशों के बाद एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू का खनन बंद है। वहीं, प्रदेश के पांच जिलों पटना, भोजपुर, सारण, रोहतास और औरंगाबाद में नदी घाटों के बंदोबस्तधारियों द्वारा एक मई से ही बालू का खनन बंद कर दिया गया था। जबकि गया जिले के नदी घाटों के बंदोबस्तधारी ने इससे भी पहले बालू खनन का कार्य बंद कर दिया था। तभी से सभी छह जिलों के बालू घाटों की बंदोबस्ती नये सिरे से करने की तैयारी हो रही थी। लेकिन इस कार्य में पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त कर पाने की बड़ी समस्या थी। ऐसी स्थिति मे पुराने बंदोबस्तधारी को नदी घाटों पर खनन के लिए पहले से मिली पर्यावरणीय स्वीकृति को नये बंदोबस्तधारी को स्थानांतरित करने की व्यवस्था करने का फैसला लिया गया।
अब खान एवं भू-तत्व विभाग द्वारा इन छह जिलों के बालू घाटों के लिए खनन का कार्य नये बंदोबस्तधारियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। अनुमान जताया जा रहा है कि अगले सप्ताह नये बंदोबस्तधारियों के नाम का ऐलान किया जा सकता है। एक अक्तूबर से इन छह जिलों में भी खनन कार्य शुरू किया जाएगा।
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