भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत बिहार की आठ एनएच को शामिल किया गया है, केंद्र सरकार की तरफ से इस पर मौखिक मंजूरी दे दी गई है और एक सकारात्मक पहल प्रारम्भ की गई है। इस परियोजना पर निर्माण कार्य पूरा करने में लगभग 50 से 60 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान लगाया गया है। शुक्रवार के दिन पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और केंद्रीय पथ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के बीच इन आठ एनएच परियोजनाओं को भारतमाला में शामिल कराने के मुद्दे पर बातचीत की गई थी।
इन 8 NH को भारतमाला परियोजना के अंतर्गत किया गया शामिल
लिखित रूप से मंजूरी मिलते ही सभी आठ एनएच का डीपीआर तैयार किया जायेगा। इसके साथ ही चौड़ीकरण करके उन्हें आवागमन के लिए बेहतर बनाया जायेगा। इस कदम से बिहार का अन्य राज्यों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित होगा, कई स्थानों की दूरियां भी पहले से कम हो जाएगी, और आवागमन मे लगने वाला समय पहले से कम हो जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को जिन आठ एनएच को भारतमाला के दूसरे चरण में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया था, वे इस प्रकार हैं – भारत-नेपाल बॉर्डर सड़क को फोरलेन बनाना, पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे को बेहतर बनाना, बक्सर-अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ हाइवे को फोरलेन बनाना, दलसिंहसराय-सिमरी बख्तियारपुर को फोरलेन बनाना, दिघवारा-मशरख-पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन बनाना, सुल्तानगंज-देवघर को ग्रीनफील्ड हाइवे, मशरख-मुजफ्फरपुर हाइवे ।
केंद्र ने ट्रैफिक लोड की मांगी जानकारी
ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा 2500 किमी सड़क निर्माण के लिए भेजे गये प्रस्ताव में प्रत्येक सड़क के ट्रैफिक लोड का विवरण भी भेजा गया था । केंद्र की तरफ से फिर से ट्रैफिक लोड का विवरण ऑटोमेटिक तकनीकी उपकरणों की मदद से भेजने का निर्देश जारी किया गया है। दरअसल इन उपकरणों से जुटाये गये आकड़ाें को विश्वसनीय माना जाता है। प्राप्त विवरण के आधार पर सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने तथा मजबूतीकरण पर सही निर्णय लिया जा सकेगा। पीएमजीएसवाइ के तीसरे चरण में 3.75 मीटर सड़क की चौड़ाई बढ़ा कर पांच मीटर तक किए जाने की योजना है। इस परियोजना का मुख्य उद्येश्य यातायात सुविधा को सुगम बनाना है।
तीसरे चरण में 2500 किमी सड़क की मंजूरी से पहले मांगी गई रिपोर्ट
केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश में ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारयों से पीएमजीएसवाइ के तीसरे चरण में 2500 किमी सड़क निर्माण के लिए सड़कों पर ट्रैफिक लोड का रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है। विभाग नवंबर तक इस संबंध में रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रहा है।प्राप्त रिपोर्ट से संतुष्ट होने पर ही केंद्र सड़क निर्माण परियोजना को मंजूरी प्रदान करेगी।
फिलहाल पीएमजीएसवाइ के तीसरे चरण के अंतर्गत लगभग 6162.50 किमी लंबी सड़क को 2025 तक बनाए जाने और उनके चौड़ीकरण का लक्ष्य रखा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में पीएमजीएसवाइ के पहले और दूसरे चरण में लग्भग 57 हजार 700 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
करीब 55 हजार 500 किमी लंबाई में सड़क बनाने का काम पूरा किया जा चुका है। पीएमजीएसवाइ के दूसरे चरण के तहत करीब 2456 किमी लंबाई में सड़क बनाने की मंजूरी केंद्र ने 2020 में दी थी। अब पीएमजीएसवाइ के पहले चरण में लगभग 1400 किमी और दूसरे चरण में लगभग 800 किमी लंबाई में सड़क का निर्माण किया जाना है।
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